एक स्मार्ट कार्ड से दर्जन भर काम होंगे आसान, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुरु हुई नयी ‘स्मार्ट योजना’

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर देश की स्मार्ट सिटी की सूची में फिर अव्वल हो गया है। स्मार्ट सिटी ने नए प्रयोग के जरिए एक ऐसा कार्ड जारी किया है जिसकी मदद से लोगों के दर्जन भर से ज्यादा भुगतान के काम आसान हो जाएंगे। रायपुर में कई ऐसे नवीन प्रयोग हुए हैं जिनकी ना सिर्फ देश के अन्य शहरों के लोगों ने बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सरहाना की है।


रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘वन रायपुर स्मार्ट कार्ड’ योजना के तहत एक कार्ड जारी किया गया है। शहर के नागरिकों को स्मार्ट कार्ड जारी करने के लिए एक्सिस बैंक के सहयोग से इस योजना को रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 4 महीने में पूरा कर किया है। पीपीपी मॉडल की मदद से इसकी लागत को कम किया गया है। सि

इस कार्ड के माध्यम से रायपुर के लोगों को लेन-देन का माध्यम मिल गया है. इस कार्ड का उपयोग शारीरिक रूप से अक्षम लोग भी कर सकते हैं। इस कार्ड के जरिए शहर की पार्किंग का शुल्क, पार्किंग के लिए स्पेस बुकिंग, बस पेमेंट, रिटेल पेमेंट, बस टिकट, नगर निगम में टैक्स जमा करना जैसे सारे काम आसानी से किए जा सकते हैं. इस कदम से लोगों के समय की बचत होगी।

‘वन रायपुर स्मार्ट कार्ड’ योजना के उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने देश में सबसे पहले शुरू हुई इस योजना को बहुत ही रचनात्क कदम बताया…. इस मौके पर श्री अग्रवाल ने नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रयासों की तारीफ करते हुए प्रबंध संचालक रजत बंसल और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया। मंत्री जी ने इन प्रगतिशील प्रयासों को आगे भी उज्ज्वल और सुदृढ़ बनाने के लिए शुभकामनाएं दीं।

बीते कुछ वर्षों में रायपुर स्मार्ट सिटी ने अपने कार्यक्रमों और जनता के साथ जुड़ाव के जरिए देश में अपनी अलग पहचान बनाई है. जनता की भागीदारी से रायपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर बेहतर काम हुए हैं. रायपुर स्मार्ट सिटी में कार्यों के क्रियान्वयन के लिए जनता और सामाजिक संस्थाओं को भरोसे में लेकर काम किया गया।

रायपुर में गरीबों के लिए नेकी की दीवार बनाई गई. इसके जरिए समाज का संपन्न तबका जरूरतमंदों की मदद कर पाता है. बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए बापू की कुटिया का निर्माण किया. पढ़ने-लिखने वालों को साहित्य से जोड़े रखने के मकसद से रायपुर में आनंद समाज वाचनालय का निर्माण किया गया।

रायपुर के लोगों को स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए पब्लिक बाइक शेयरिंग और शहर में पार्किंग की व्यवस्था शुरू की गई. रायपुर के लाइफलाइन खारून नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए मिट्टी के गणेश जैसे अभियान चलाए गए, शहर के सभी पार्क में ओपन जिम की सुविधा, तालाबों का सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के जरिए देश में प्रदूषण के लिए कभी चर्चित रहे रायपुर को प्रदूषण के पैमाने पर निचले पायदान पर लाने में सफलता मिली है.