पुलवामा हमले के बाद 21 दिन में घाटी में 18 आतंकी मारे गए। रविवार को सुरक्षाबलों ने त्राल में तीन आतंकियों को मार गिराया। इनमें एक आतंकी मुदास्सिर अहमद खान उर्फ मोहम्मद भाई है।
सोमवार को मुदस्सिर के परिवार ने उसके शव की पहचान की है। सेना ने बताया है कि दो आतंकी पाकिस्तानी थे। इससे पहले रविवार को पुलवामा हमले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया था कि मुदास्सिर 14 फरवरी को CRPF के काफिले पर हुए फिदायीन हमले का मास्टरमाइंड था। उसी ने हमले के लिए गाड़ी और विस्फोटक जुटाया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि त्राल इलाके के पिंगलिश गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने रविवार को तलाशी अभियान शुरू किया था। इसी दौरान एक घर में छिपे आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग की। सुरक्षाबलों ने देर रात घर को विस्फोट से उड़ा दिया। सोमवार सुबह दोनों आतंकियों के शव मिले। उनके पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद हुआ।
NIA के अधिकारियों ने बताया कि 14 फरवरी को हमले से पहले मुदास्सिर लगातार फिदायीन आदिल अहमद डार के संपर्क में था। मुदास्सिर ग्रेजुएशन और इलेक्ट्रीशियन का डिप्लोमा कर चुका था। वह 2017 में मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश से जुड़ा था। माना जाता है कि वह फरवरी 2018 में आर्मी कैंप पर हुए हमले में भी शामिल था।
NIA के मुताबिक, सीआरपीएफ पर हमले के लिए आतंकियों ने एक मारूति ईको कार का इस्तेमाल किया था। जैश के आतंकी सज्जाद भट ने हमले से 10 दिन पहले ही यह कार खरीदी थी। सज्जाद हमले के बाद से फरार है। NIA की टीम ने पिछले महीने सज्जाद और मुदास्सिर के घर पर छापेमारी की थी।