10वीं शताब्दी योगिनी मूर्ति को ब्रिटेन से भारत लाया जा रहा, संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी

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संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी ने घोषणा कि उत्तर प्रदेश के बांदा के लोखरी में एक मंदिर से अवैध रूप से हटाई गई की पत्थर की बकरी के सिर वाली योगिनी की मूर्ति भारत वापस लाई जा रही है। इससे पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग ने मूर्ति बरामद होने की घोषणा की थी। मूर्ति एक बकरी के सिर वाली योगिनी की है, जो मूलरूप से बलुआ पत्थर में पत्थर के देवताओं के एक समूह से संबंधित है और वह लोखरी मंदिर में स्थापित था।

एक ट्वीट में इसकी घोषणा करते हुए संस्कृति मंत्री ने कहा कि हमारी असली कलाकृतियों का स्वदेश में आगमन जारी है। नरेंद्र मोदी सरकार मां भारती की सभ्यता के गौरव को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 1986 में नयी दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय की ओर से भारतीय विद्वान विद्या दहेजिया के अध्ययन का यह विषय था। जिसे बाद में ‘योगिनी पंथ और मंदिर एक तांत्रिक परंपरा शीर्षक के तहत प्रकाशित किया गया था। अक्टूबर 2021 में भारतीय उच्चायोग को बकरी के सिर वाली योगिनी मूर्तिकला की खोज के बारे में जानकारी मिली जो, लंदन के पास एक निजी निवास के बगीचे में पाई गई। यह लोखरी संग्रह के विवरण से मेल खाती थी।

सिंगापुर की इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट और लंदन की आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल संस्था ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग को मूर्ति की पहचान और उसकी बरामदगी में तत्परतापूर्वक सहायता की, जबकि भारतीय उच्चायोग ने स्थानीय और भारतीय अधिकारियों के साथ अपेक्षित दस्तावेज तैयार किए। जिसे अब भारत वापस लाया जा रहा।