भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध और बेहतर बनाने में लगी मोदी सरकार

1

मोदी सरकार भारत-अमेरिका के व्यापारिक संबंध और बेहतर बनाने के प्रयासों में लगी

भारत के उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वाशिंगटन डीसी में व्यापार नीति फोरम (टीपीई) के 13वें मंत्रालयी संवाद के समापन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अमेरिका व्यापार नीति फोरम का परिणाम भारत और अमेरिका दोनों ही देशों की कंपनियों के लिए अपने व्यापार एवं निवेश को विस्तृत करने के लिए एक अधिक सहज, मैत्रीपूर्ण और भरोसेमंद व्यावसायिक वातावरण के रूप में सामने आया है। पीयूष गोयल ने कहा कि टीपीएफ, जिसे नवंबर 2021 में एक नए रूप में फिर से लॉन्‍च किया गया था, परस्पर हितों के ढेर सारे मुद्दों पर मुक्त एवं स्पष्ट चर्चा करने के लिए एक बहुत मजबूत और परिणाम उन्मुखी मंच बन गया है।

13वें मंत्रालयी टीपीएफ संवाद के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि डब्ल्यूटीओ विवादों का निपटान, जंगली पकड़े गए झींगों के निर्यात को फिर से आरंभ करना, व्यापार वीजा जारी करने में तेजी लाना, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं, डाटा प्रवाह तथा जलवायु परिवर्तन पर ध्यान देने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच बकाया डब्ल्यूटीओ विवाद मुद्दों के द्विपक्षीय समाधान को ढूंढने पर जोरदार चर्चा हुई। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन मुद्दों पर अगले कुछ महीनों में एक संतोषजनक परिणाम निकल आएगा।

भारत से अमेरिका को जंगली पकड़े गए झींगों के निर्यात की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी देते हुए, पीयूष गोयल ने बताया कि ऐसे क्षेत्रों में जहां झींगा मछली पकड़ी जाती है, कछुओं को लेकर चिंताओं के कारण अमेरिका द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि भारत से अमेरिका को जंगली पकड़े गए झींगा निर्यात को फिर से शुरू करने के लिए दोनों देशों के बीच सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने जानकारी दी कि कछुआ एक्सक्लुडर डिवाइस, जो समुद्री कछुओं की आबादी पर मछली पकड़ने के प्रभाव को कम कर देगा। इसका डिजाइन अमेरिका की सहायता से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इन डिवाइस के सफल परीक्षण के बाद फिर से इनका निर्यात आरंभ कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिका से व्यापार वीजा जारी करने में तेजी लाने का आग्रह किया है जिससे कि दोनों ही तरफ के व्यावसायियों की त्वरित आवाजाही को सुगम बनाया जा सके। फोकस का एक दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुदृढ़ बनाने से संबंधित था। श्री गोयल ने कहा कि दोनों ही देश टेलीमेडिसिन सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में उनके बीच एक प्रभावी तथा विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने आगे जानकारी दी कि जलवायु परिवर्तन पर ध्यान देने के लिए आवश्यक नवोन्मेषी स्वच्छ प्रौद्योगिकी, चक्रीय अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए स्थायी वित्तपोषण से संबंधित पर्यावरणगत मुद्दों पर चर्चा हुई।

Read: मध्यप्रदेश ऊंचाइयों को छुए, केंद्र सरकार हर कदम पर साथ है- केंद्रीय कृषि मंत्री