उत्तराखंड की चंपावत विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में तमाम कयासों के बीच मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लग गई। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को भारी मतों से हराया है। उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा। रिपोर्ट्स के मुताबिक चंपावत में पहली बार किसी कांग्रेस नेता की जमानत जब्त हुई है।
उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी सहित सपा प्रत्याशी मनोज कुमार और निर्दलीय प्रत्याशी हिमांशु गरकोटी को पछाड़ते हुए जीत का परचम लहराया है। गौरतलब है कि बीजेपी उम्मीदवार सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 54 हजार 121 वोटों से जीत दर्ज की।
धामी की जीत का जश्न मना रहे हैं कार्यकर्ता
वहीं सीएम धामी की जीत से भाजपा खेमे में खुशी का माहौल है। बीजेपी कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों के साथ धामी की जीत का जश्न मना रहे हैं और एक दूसरे का मुंह-मीठा करा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए पुष्कर सिंह धामी का चंपावत विधानसभा सीट से जीतना बेहद जरूरी था। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीत मिलने पर जनता का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि,“ मैं चंपावत की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया।”
कांग्रेस प्रत्याशी को सिर्फ 5 फीसदी वोट मिले। सवाल ये है कि चम्पावत के चुनावों में भाजपा ने ऐसी क्या रणनीति लगाई कि जो पिछले चुनावों में 19 हजार वोट कांग्रेस को मिले थे, उनमें से ज्यादातर इस बार भाजपा के खाते में चले गए। सवाल ये भी है कि भाजपा ने ऐसी क्या रणनीति लगाई कि कांग्रेस के खाते वाले वोट भी पुष्कर धामी को शिफ्ट हो गए? इसके पीछे एक वजह ये भी बताई जा रही है कि जिस तरह से बीजेपी की चुनाव प्रबंधन समीति में केंद्रीय प्रभारी ने कार्यकर्ताओं से सीधा कनेक्शन स्थापित करना।
चम्पावत चुनाव में भाजपा प्रभारी विनोद तावडे की कुशल रणनीति रही
चम्पावत चुनावों में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावडे को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और उन्होंने इस कार्य को करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी चुनाव से पहले 15 दिनों तक उन्होंने चम्पावत में डेरा डाले रखा और हर इलाके के कार्यकर्ताओं से बार बार बैठकें कर उनसे वस्तुस्थिती की रिपोर्ट भी ली और आगे कैसे संपर्क बढ़ाना है, इसके निर्देश भी दिए। । विनोद तावडे ने चम्पावत बाजार से लेकर बनबासा और दूर दराज के इलाकों में स्वयं जाकर भी कार्यकर्ताओं के साथ ही स्थानीय जनता से भी कई विषयों पर चर्चा की और लोगों के बीच जब बड़े नेता स्वयं जा रहे हैं तो कार्यकर्ताओं में जोश भरना तो तय ही समझिए।
चंपावत चुनाव में योगी आदित्यनाथ का भी दौरा रहा सफल
चम्पावत उपचुनावों में योगी आदित्यनाथ के दौरे ने भी भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया, ये दौरा कई मायनों में अहम था क्योंकि कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के साथ ही योगी आदित्यनाथ पहली बार अपनी माता जी के साथ भी दिखलाई पड़े, जिससे युवाओं को उनकी उत्तराखंडी जड़ों को लेकर भी जानकारी स्पष्ट हुई।
चम्पावत चुनावों में भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा सांसद अजय टम्टा, केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट और उत्तराखंड के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री भी इस दौरान लगभग हर इलाके में जनता के समक्ष खड़े रहे, नतीजा ये हुआ कि केंद्रीय नेतृत्व के पास आने से कार्यकर्ताओं ही नहीं, जनता में भी जुड़ाव बढ़ा और ये जुड़ाव कहीं न कहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के दिलों में भी घर कर गया। नतीजा आज सबके सामने है, चम्पावत में 93 फीसदी लोगों ने कमल का साथ निभाया है, पीएम मोदी के पसंदीदा युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को विजयी बनाया है।
चंपावत विधानसभा में उपचुनाव के लिए 31 मई को हुआ था मतदान
बता दें कि चंपावत विधानसभा में उपचुनाव के तहत 31 मई को मतदान हुआ था.इस उपचुनाव में लगभग 64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. यह उपचुनाव मुख्यमंत्री धामी और भाजपा के लिए कितना ज्यादा महत्वपूर्ण था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी एवं अनुराग ठाकुर, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी , प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं धामी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों सहित पार्टी के दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए चुनावी मैदान में उतार दिया था।