केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पश्चिम बंगाल के कोलकाता में फिल्म ‘Luminaries of Bengal’ को रिलीज़ किया। अमित शाह ने विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के प्रोजेक्शन मैपिंग शो, नेशनल लाइब्रेरी के गेस्ट हाउस, एंथ्रोपोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के नए भवन और अबनींद्रनाथ टैगोर पर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 3 उद्देश्यों को देश की जनता के सामने रखा। पहला, देश के युवाओं को देश के आज़ादी के इतिहास और उसके महानायकों से परिचय हो और उसके माध्यम से अपने जीवन में देश की परंपराओं के साथ उनका जुड़ाव और गहरा हो।
शाह ने कहा कि दूसरा लक्ष्य है, आज़ादी के 75 वर्षों में हर क्षेत्र में देश की उपलब्धियों और विश्व में भारत के योगदान की जानकारी भी पूरे देश और दुनिया को देना। तीसरा, 2047 में जब भारत की आज़ादी की शताब्दी होगी, उस वक्त भारत हर क्षेत्र में कहां होगा, उसके लक्ष्य तय करना और 25 सालों में उन लक्ष्यों को प्राप्त करने का रोडमैप तैयार करना।
अमित शाह ने कहा कि इन 3 उद्देश्यों के साथ भारत की आज़ादी के अमृत महोत्सव को मनाने की शुरूआत हुई है…
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वास्तुकला, विज्ञान, संस्कृति, कला, संगीत, साहित्य, आध्यात्मिकता और दर्शन के क्षेत्र में बंगाल के योगदान को गागर में सागर की तरह समाहित करके ये फिल्म बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म के माध्यम से पूरे देश के युवाओं को बंगाल का हमारे देश में योगदान के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
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