जानिए कहां पड़े थे, भगवान विष्णु के चरण?

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भगवान विष्णु के चरण जानिए कहां पड़े थे

भगवान विष्णु के चरण जानिए कहां पड़े थे, – विष्णुपद मंदिर भारतीय राज्य बिहार के गया शहर में एक हिंदू मंदिर है। यह भगवान विष्णु का मंदिर है, यहां पत्थर पर बने भगवान विष्णु के चरण के निसान की पूजा की जाती है। यह मंदिर फल्गु नदी के किनारे मौजमद है। माना जाता है कि गयासुर के बध करे के समय विष्णु के चरण के निसान यहाँ बन गए थे। मंदिर कीतना पुरान है यह तो मालुम नहीं है। कथा कहानी के अनुसार यहां श्रीराम भी आए थे।

यहां चरण के स्पर्श से ही मनुष्य समस्त पापों से मुक्त हो जाते हैं। वहीं यह मंदिर सोने को कसने वाला पत्थर कसौटी से बना है, जिसे जिले के अतरी प्रखंड के पत्थरकट्‌टी से लाया गया था। इस मंदिर की ऊंचाई करीब सौ फीट है। सभा मंडप में 44 पीलर हैं। 54 वेदियों में से 19 वेदी विष्णपुद में ही हैं, जहां पर पितरों के मुक्ति के लिए पिंडदान होता है। यहां सालों भर पिंडदान होता है।

अरण्य वन बना सीताकुंड

विष्णुपद मंदिर के ठीक सामने फल्गु नदी के पूर्वी तट पर स्थित है सीताकुंड। यहां स्वयं माता सीता ने महाराज दशरथ का पिंडदान किया था। प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधरलाल पाठक ने बताया कि पौराणिक काल में यह स्थल अरण्य वन जंगल के नाम से प्रसिद्ध था।
भगवान श्रीराम, माता सीता के साथ महाराज दशरथ का पिंडदान करने आए थे,
जहां माता सीता ने महाराज दशरथ को बालू फल्गु जल से पिंड अर्पित किया था,
जिसके बाद से यहां बालू से बने पिंड देने का महत्व है।
18वीं शताब्दी में महारानी अहिल्याबाई ने मंदिर का कराया था जीर्णोद्वार 
विष्णुपद मंदिर में शीर्ष पर 50 किलो सोने का कलश और 50 किलो सोने की ध्वजा लगी है।
गर्भगृह में 50 किलो चांदी का छत्र और 50 किलो चांदी का अष्टपहल है,
इसके अलावे गर्भगृह का पूर्वी द्वार चांदी से बना है।
वहीं भगवान विष्णु के चरण की लंबाई करीब 40 सेंटीमीटर है।
बता दें कि 18 वीं शताब्दी में महारानी अहिल्याबाई ने मंदिर का जीर्णोद्वार कराया था