जानिए क्यों मनाते है गंगा दशहरा , क्या मिलते है लाभ

2

जानिए क्यों मनाते है गंगा दशहरा , क्या मिलते है लाभ

जानिए क्यों मनाते है गंगा दशहरा , क्या मिलते है लाभ के बारे में – हिदुंओ में गंगा दशहरा को एक पर्व की तरह मनाते है जिसमें हवन, पूजन, मुण्डन आदि सभी अच्छे काम आज के दिन कर सकते है क्योकिं गंगा दशहरा का दिन बहुत शुभ माना गया है लोग गंगा दशहरा पे गंगा स्नान के साथ दान-पुण्य भी करते है।  

क्यों मनाते है गंगा दशहरा?

गंगा दशहरा के दिन मां गंगा का अवतार हुआ था यानी गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी का धरती पर जन्म हुआ था। कथा के अनुसार बताया गया है ऋषि भागीरथ को अपने पूर्वजों की अस्थियों के विसर्जन के लिए बहते हुए निर्मल जल की आवश्यकता थी,इस के लिए ऋषि ने कठोर तपस्या की गांगा ऋषि की तपस्या से प्रसन्न हुई और पृथ्वी पर अवतरित हुई। लेकिन गंगा के तेज बहाव के कारण वह अस्थियां विसर्जित नहीं कर पाए फिर मां गंगा प्रकट हुई औऱ बोला कि यदि भगवान शिव उन्हें अपनी जटाओं में समा कर पृथ्वी पर मेरी धारा प्रवाह कर दें,

तो यह संभव हो सकता है। जिसके बाद ऋषि भागीरथ ने भगवान शिव की तपस्या कर गंगा की धारा को जटाओं में समाहित करने का आग्रह किया। इसके बाद शिव ने गंगा की एक छोटी सी धारा को पृथ्वी की ओर प्रवाहित कर दिया। तब जाकर ऋषि भागीरत अपने पूर्वजों की अस्थियों को विसर्जित कर पाए
और इस तरह गंगा का धरती पर अवतार हुआ है। 

क्या मिलता है लाभ?

गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने से कष्टों का निवारण होता है
औऱ इस दिन दान पुण्य की संख्या में दस होना जरुरी माना गया है ,
नदी में डुबकी लगाएं तो उसकी संख्या भी दस होनी चाहिए
संख्या में दस होने का खास लाभ माना गया है बाकी दिनों में पुण्य करने से
इस दिन पुण्य का लाभ भी अधिक मिलता है।