जानिए केरल की शान और ऐतिहासिक किलेबेकल किला का इतिहास

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केरल की शान बेकल किला

केरल की शान बेकल किला देश का सबसे बड़ा और सबसे सुरक्षित-संरक्षित किला है।इकेरेसी राजवंश के सिवाप्पा नायक द्वारा 1650 में बनवाया ये किला समुद्र और धरती दोनों पर ही बना है। इसमें समुद्र के गढ़, भूमिगत सुरंगों और Watch Tower का Architecture काफी रोचक है। बताते हैं कि टीपू सुल्तान ने इस किले पर कब्जा करने के बाद मंदिरों को तोड़, यहां मस्जिदों का निर्माण करवाया था। आज भी ये किला केरल के Mega Structures में से एक है,
और पर्यटकों, इतिहासकारों
और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

इस क़िले की स्थिति 120° 23′ उत्‍तर और 750° 02′ पूर्व है। कासरगोड का एक लंबा और सतत इतिहास रहा है। कर्नाटक क्षेत्र से इसकी निकटता होने और बेकल क्षेत्र के सामरिक महत्‍व के कारण विजयनगर शासन काल से ही इसे महत्‍व प्राप्‍त था। दक्षिणी केनारा मैनुअल और अन्‍य साहित्यिक कृतियों के अनुसार केलेडी नायकों (सन 1500-1763) जिनकी कर्नाटक के केलाड़ी, इक्‍केरी और बेडनोर में विभिन्‍न राजधानियाँ थीं, ने होसदुर्ग-कासरगोड क्षेत्र में कुछ किलों का निर्माण करवाया था। माना जाता है कि बेकल क़िले का निर्माण शिवप्‍पा नायक ने करवाया था।
दूसरी मान्यता यह है कि यह क़िला कोलाथिरी राजाओं के काल में भी मौजूद था
और कोलाथिरी राजाओं और विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद यह क्षेत्र इक्‍केरी नायकों के नियंत्रण में आ गया,
जिन्‍होंने इस क़िले का पुन: निर्माण करवाया और उस क्षेत्र का उपयोग किया।

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