जानिए दुनियां के सबसे अमीर मंदिर का राज…

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 दुनियां में सभी की किसी न किसी में आस्था है, लेकिन भारत मंदिरों का देश है। यहां पर जितने मंदिर उतने ही उनमें रहस्य और अलग-अलग मान्यताएं छिपी हुई हैं। मंदिरों में आस्था रखने वालों की कोई कमी नहीं है। इन्हीं मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है तिरुपति बालाजी मंदिर। यह मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है।

अनुमान के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट के खजाने में 50 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति है। जिस मंदिर में इतना धन-दौलत होने के बावजूद इस मंदिर के भगवान इतने गरीब कैसे हैं जो आज भी कर्ज उतार रहे हैं। भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने वाले भगवान वेंकटेश्वर आखिरकार अपना ही कर्ज क्यों नही भर पा पाएं हैं। इसके पीछे एक धार्मिक मान्यता है।

बालाजी धन के देवता कुबेर के कर्जदार हैं और कलियुग के अंत तक में वह कुबेर का कर्ज उतार पाएंगे। हिंदू शास्त्रों में कहा जाता है अगर आप बेशुमार धन दौलत और संपदा के मालिक है लेकिन आपके ऊपर किसी का दिया हुआ कर्ज है तो उसे गरीब ही माना जाता है। इसलिए तिरुपति बालाजी मंदिर में जमा अकूत धन के बावजूद बालाजी गरीब हैं।

अपने भगवान बालाजी के ऊपर से कर्ज उतारने के लिए बड़ी संख्या में भक्त उन्हें आज भी सोना-चांदी, पैसा और बहुमूल्य चीजों का दान करते आ रहे हैं। कुबेर से कर्ज लेते समय विष्णुजी ने उन्हें वचन दिया था कि कलियुग के अंत तक वह अपना सारा कर्ज चुका देंगे और कर्ज की समाप्ति होने तक वे इस रकम का ब्याज यानी सूद चुकाते रहेंगे।

भगवान विष्णु ने पद्मावती और उनके पिता के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा, जिसे देवी ने स्वीकार कर लिया। लेकिन धरती की मान्यताओं के अनुसार एक राजकुमारी से विवाह के लिए विष्णुजी को धन की जरूरत पड़ी। जोकि उनके पास नहीं था। तब उन्होंने भगवान शंकर और ब्रह्राजी को साक्षी मानकर कुबेर से काफी मात्रा में धन कर्ज लिया और रानी पद्मावती संग परिणय सूत्र में बंधे।