कर्नाटक के कोप्पल जिले में पिछले महीने एक सरकारी कार्यक्रम में सीएए विरोधी कविता पढ़ने के मामले में एक कवि और एक पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है। बाद में कोप्पल जिले के गंगावती में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें जमानत दे दी। भाजपा के एक पदाधिकारी की शिकायत के बाद ये गिरफ्तारियां की गयी थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि कवि सिराज बिसरल्ली ने कोप्पल जिले के गंगावती में जनवरी में आयोजित ‘अनेगुंडी उत्सव’ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ कविता पढ़ी थी और एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल के सम्पादक राजबक्सी ने उसे सोशल मीडिया पर साझा किया था।
पुलिस ने भादंस की धारा 505 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। बिसरल्ली और राजाबक्सी ने मंगलवार को जिला अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जांच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ सिराज ने कविता पढ़ी थी और राजबक्सी ने उसे सोशल मीडिया पर साझा किया था। भाजपा के एक नेता की शिकायत के आधार पर भादंस की धारा 505 के तहत मामला दर्ज किया गया। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वे इसके बाद फरार हो गए थे और मंगलवार को उन्होंने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया। ’’इन दोनों ने अंतरिम जमानत मांगी थी। सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए जांच के लिए उनकी पुलिस हिरासत की मांग की। इसके बाद अदालत ने बिसरल्ली और राजबक्सी को बुधवार दोपहर बाद तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने कहा, ‘‘ हम नए सबूत सामने आने तक शायद इसे (पुलिस हिरासत) आगे बढ़ाने की मांग ना करें। हमने उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि उन्होंने किससे जानकारी साझा की है।’’यह मामला कर्नाटक विधानसभा में भी उठा और जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने यह मुद्दा सदन में उठाया। कुमारस्वामी ने पूरी कविता पढ़ी और सवाल किया कि इसमें ऐसी क्या गलती है कि कवि को गिरफ्तार कर लिया गया।