ड्रोन से हमले की तैयारी में आतंकी, एयरपोर्ट्स पर बढ़ाई गई सुरक्षा

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भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही तनातनी को लेकर देश के सभी एयरपोर्ट्स की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एजेंसियों को मौजूदा समय में जो खुफ़िया अलर्ट मिल रहे हैं, उनमें ड्रोन से हमला एक बड़ा खतरा माना जा रहा है। इससे निपटने के लिए CRPF, एयर ट्रैफ़िक कंट्रोलर और एयरफोर्स संयुक्त मेकेनिज्म पर काम कर रही हैं।

यह तय है कि किसी भी एयरपोर्ट के निकट कोई ड्रोन दिखाई पड़ा तो उसे फौरन मार गिराया जाएगा। इसके लिए संबंधित एजेंसी को LMG सहित दूसरे हथियार मुहैया करा दिए गए हैं। साथ ही प्रारम्भिक तौर पर आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल शुरु कर दिया गया है। ड्रोन को लेकर जो भी इनपुट मिलेगा, वह रियल टाइम पर तीनों एजेंसियों के बीच साझा किया जाएगा। अगर कोई ड्रोन एयरपोर्ट से छह सौ मीटर की दूरी पर है तो एयरफोर्स उसे गिरा देगी।

बता दें कि पुलवामा हमले के बाद खुफ़िया एजेंसियों को लगातार आतंकी हमलों के अलर्ट मिल रहे हैं। खासतौर से जम्मू-कश्मीर के बाहर भी आतंकी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं। एयरपोर्ट पर भी आतंकियों की बुरी नजर है। CRPF के डीजी राजेश रंजन ने गुरुवार को बताया कि CISF किसी भी आतंकी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। हमारा प्रयास है कि ऐसा कोई हमला होने से पहले ही उसे अंजाम देने वालों को दबोच लिया जाए।

इन जगहों पर भी ड्रोन सुरक्षा का हो रहा पुख्ता इंतजाम

-न्यूक्लियर संस्थान
-स्पेस से जुड़े संस्थान
-पावर प्लांट (गैस, थर्मल और हाइड्रो)
-संवेदनशील सरकारी भवन
-रक्षा उत्पाद यूनिट
-फर्टिलाइजर एंड केमिकल
-बंदरगाह
-ऑयल रिफायनरी
-दिल्ली मेट्रो
-हेरिटेज बिल्डिंग
-प्राइवेट सेक्टर ज्वाइंट वेंचर
-नोट प्रिंटिंग मशीन
-वीआईपी सिक्योरिटी

सीआईएसएफ के 1000 जवानों की जेब पर लगेगा बॉडी वॉर्न कैमरा

डीजी राजेश रंजन ने दावा किया है कि एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए इस साल एक हजार बॉडी वॉर्न कैमरे खरीदे जा रहे हैं। सुरक्षाकर्मी अपनी डयूटी करता रहेगा और कैमरा तुरंत किसी भी संदिग्ध वस्तु की सूचना कंट्रोल रूम को दे देगा। इन सभी कैमरों को आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस से जोड़ा जा रहा है। इसका फ़ायदा यह रहेगा कि संदिग्ध वस्तु की पहचान करने के बाद कंट्रोल रुम खुद ही संबंधित सिक्योरिटी पर्सन तक वह सूचना पहुंचा देगा। इससे किसी वारदात को होने से पहले ही उसे रोका जा सकेगा