भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को मिला सम्मान: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हुए सम्मानित

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उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ भी दिलाई।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “यह सम्मान केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता की ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही की भावना की जीत है। यह सम्मान एक संकल्प का उत्सव है।”

‘जीरो टॉलरेंस’ नीति और तकनीक का उपयोग

सीएम धामी ने बताया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया गया है। प्रमुख उपायों में शामिल हैं-

ऑनलाइन ट्रांसफर प्रणाली

परीक्षा व्यवस्था की डिजिटल निगरानी

जन शिकायतों के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905

भ्रष्टाचार के खिलाफ हेल्पलाइन 1064

उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और योजनाओं में कमीशनखोरी जैसे मामलों में सख्त कार्रवाई की गई है। बीते तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट लोगों को जेल भेजा गया है।

रोज़गार और सुधारों की दिशा में प्रगति

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार ने 24,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की है। इसके साथ ही शासन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण विधायी और प्रशासनिक सुधार लागू किए गए हैं। इनमें शामिल हैं-

समान नागरिक संहिता (UCC) का क्रियान्वयन

सख्त नकल विरोधी कानून

लव जिहाद, लैंड जिहाद और धर्मांतरण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई

दंगारोधी कानूनों की व्यवस्था

जनता का समर्थन ही सबसे बड़ी ताकत

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। यह अभियान जनता के सहयोग से ही सफल हुआ है और आगे भी यही हमारी सबसे बड़ी ताकत बनी रहेगी।”

समारोह में विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, नागरिकों और युवा वर्ग ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार के प्रयासों की सराहना की।