
हरियाणा के गुरुग्राम शहर में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई, जहां राज्य स्तरीय महिला टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव (25 वर्ष) की उसके ही पिता ने घर में लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर हत्या कर दी। यह दर्दनाक घटना गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित सुशांतलोक-2 में सुबह करीब 11:30 बजे हुई।
बेटी की अकादमी से थी नाराजगी, गुस्से में उठाया खौफनाक कदम
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि राधिका ने हाल ही में गुरुग्राम के वजीराबाद गांव में बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए एक टेनिस अकादमी शुरू की थी। इसको लेकर उसके पिता दीपक यादव काफी समय से नाराज चल रहे थे। ग्रामीणों द्वारा “बेटी की कमाई खाने” जैसी टिप्पणियों से आहत होकर पिता और बेटी के बीच बीते 15 दिनों से लगातार विवाद हो रहा था।
गुरुवार को भी अकादमी के मुद्दे पर बाप-बेटी के बीच बहस हुई, जिसके बाद गुस्से में आकर दीपक ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से राधिका की पीठ में तीन गोलियां दाग दीं। घायल राधिका को उसके चाचा कुलदीप और चचेरे भाई ने गंभीर हालत में निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कई मेडल जीत चुकी थी राधिका, चोट के बाद छोड़ा खेल
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि राधिका यादव ने अपने खेल करियर में राज्य स्तरीय टेनिस टूर्नामेंट में कई पदक जीते थे। कुछ महीने पहले कंधे में चोट लगने के कारण उसे खेलना छोड़ना पड़ा, लेकिन खेल से उसका जुड़ाव बना रहा और उसने टेनिस कोचिंग के जरिए अपना करियर आगे बढ़ाने का रास्ता चुना।
राधिका की अकादमी शुरू होते ही उसने कई बच्चों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया था। लेकिन पिता दीपक को यह स्वीकार नहीं था कि बेटी अपने पैरों पर खड़ी हो और समाज में उसकी कमाई को लेकर बातें हो रही हों। इसी मानसिक दबाव ने इस अपराध को जन्म दिया।
पुलिस जांच में पिता ने किया गुनाह कबूल
घटना की जानकारी मिलते ही सेक्टर-56 थाना पुलिस, डीसीपी (पूर्व), एफएसएल, सीन ऑफ क्राइम, और फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों की टीम घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए और मृतका के शव को मोर्चरी में रखवाया गया।
पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि राधिका के पिता दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके पास से लाइसेंसी रिवॉल्वर भी बरामद कर ली गई है। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की जांच जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में सामाजिक सोच और मानसिकता
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज में लड़की की स्वतंत्रता और सफलता को लेकर फैली संकीर्ण मानसिकता को भी उजागर करती है। राधिका ने एक खिलाड़ी के रूप में न केवल राज्य का नाम रोशन किया था, बल्कि खेल से जुड़े रहकर दूसरों को आगे बढ़ाने का प्रयास भी किया। लेकिन पारिवारिक और सामाजिक दबाव ने उसकी जान ले ली।
राधिका यादव की हत्या ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। खेल जगत से लेकर सामाजिक संगठनों तक इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा की जा रही है। अब सवाल यह है कि एक बेटी की तरक्की अगर पिता के लिए बोझ बन जाए, तो समाज की सोच में बदलाव लाना क्या अब और जरूरी नहीं हो गया है?