
भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे सफल और प्रेरणादायक बल्लेबाजों में शुमार विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उनके इस फैसले ने फैन्स और क्रिकेट जगत दोनों को भावुक कर दिया है। भारत के पूर्व कप्तान ने इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक संदेश साझा कर अपने 14 साल लंबे टेस्ट करियर को विराम देने की बात कही।
विराट कोहली ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा “टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहने हुए 14 साल हो चुके हैं। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर साथ रखूंगा… जैसे ही मैं इस प्रारूप से दूर होता हूं, यह आसान नहीं है, लेकिन यह सही लगता है।”
करियर के आंकड़े और गौरवपूर्ण सफर
विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर में 123 टेस्ट मैचों में 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए, जिनमें 30 शतक और कई यादगार पारियाँ शामिल हैं।
कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान भी रहे हैं। उनके नेतृत्व में टीम ने 68 टेस्ट में से 40 में जीत दर्ज की, जो भारतीय टेस्ट इतिहास में एक रिकॉर्ड है।
2016 से 2019 के बीच कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अद्वितीय प्रदर्शन किया उन्होंने 43 टेस्ट में 66.79 की औसत से 4,208 रन बनाये जिसमे 16 शतक और 10 अर्धशतक हैं जो उन्हें इस फॉर्मेट का निर्विवाद “किंग” बना दिया।
बीसीसीआई ने मनाने की कोशिश की, लेकिन कोहली का फैसला अटल
सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट टालने के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी। इस जिम्मेदारी के लिए एक वरिष्ठ पूर्व क्रिकेटर को भी आगे किया गया था, लेकिन विराट अपने फैसले पर कायम रहे।
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम की घोषणा होने वाली थी, जिससे यह और भी अहम हो जाती है।
विराट कोहली सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट के पुनर्जागरण के प्रतीक रहे हैं। उनके संन्यास के साथ एक प्रेरक युग का अंत हो गया है, एक ऐसा दौर जिसने भारतीय क्रिकेट को आक्रामकता, फिटनेस, अनुशासन और वैश्विक सम्मान की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
उनकी विदाई के साथ क्रिकेट प्रेमियों की आंखें नम हैं, लेकिन दिलों में गर्व भी है — क्योंकि उन्होंने खेल को सिर्फ खेल नहीं, एक जुनून की तरह जिया।