पहलगाम आतंकी हमला, सऊदी दौरा बीच में छोड़ पीएम मोदी लौटे भारत

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की राजनीतिक और सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट मोड में है। यह हमला न सिर्फ देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चिंता का विषय बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर थे, हमले की गंभीरता को देखते हुए अपना दौरा बीच में छोड़ बुधवार सुबह भारत लौट आए।

पीएम मोदी का सऊदी दौरा बीच में रद्द

पीएम मोदी को बुधवार रात को स्वदेश लौटना था, लेकिन हमले के बाद उन्होंने अपनी यात्रा को छोटा करने का फैसला लिया। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ उनकी बैठक में पहलगाम हमले पर गंभीर चर्चा हुई और सऊदी नेतृत्व ने इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा की। प्रधानमंत्री ने निर्धारित आधिकारिक रात्रिभोज में भी हिस्सा नहीं लिया और सीधे भारत लौट आए।

मंगलवार को दोपहर करीब 2:30 बजे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरान घाटी में 2-3 आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह को निशाना बनाया। आतंकियों ने पहले लोगों से उनके नाम और पहचान पूछी और फिर करीब 50 राउंड फायरिंग कर दी। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई—जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय नागरिक शामिल हैं। मरने वालों में भारतीय मूल के दो विदेशी नागरिक भी थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला है।

हमले के समय वहां मौजूद एक सेना अधिकारी, जो अपने परिवार के साथ छुट्टियाँ मना रहे थे, ने सूझबूझ और बहादुरी दिखाते हुए कई लोगों की जान बचाई। उन्होंने परिवार को आड़ में रखा और आतंकियों की नजरों से बचने की कोशिश की, जिससे कई पर्यटक बच निकलने में सफल रहे।

पीएम मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की

प्रधानमंत्री ने इस हमले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी, “मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द स्वस्थ हों। दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प और मजबूत होगा।”

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएं

हमले के बाद दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, “मुश्किल समय में अमेरिका भारत के साथ है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं।”

यह हमला घाटी में फिर से आतंक की वापसी की चेतावनी है। सैलानियों की पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाना न सिर्फ कायरता की निशानी है, बल्कि यह भारत की आतंरिक सुरक्षा पर सीधा हमला भी है। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक स्पष्ट संकेत है कि सीमा पार से सक्रिय आतंकी संगठन अब नई रणनीतियों के साथ सामने आ रहे हैं।