बीरभूम हिंसा की जांच नहीं कर सकती बंगाल पुलिस, कोलकाता उच्च न्यायालय का आदेश, CBI करेगी जांच

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पश्चिम बंगाल: कोलकाता उच्च न्यायालय ने बीरभूम के रामपुरहाट हिंसा मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया। रिपोर्ट सात अप्रैल तक देनी है। बीरभूम हिंसा और आगजनी केस की अब सीबीआई जांच होगी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इसका आदेश दिया है।

बता दें कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट में टीएमसी नेता की हत्या के बाद हिंसा भड़क गई थी। यहां कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। जिसमें आग से जलकर 2 बच्चों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 3 महिलाएं भी शामिल थीं। इस मामले में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

अब बंगाल पुलिस की SIT मामले को सीबीआई को सौंप देगी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि सबूतों और घटना का असर बताता है कि राज्य की पुलिस इसकी जांच नहीं कर सकती। हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वह 7 अप्रैल तक अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट फाइल करे।

बीरभूम हिंसा में कोलकाता हाईकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी। हाईकोर्ट ने पहले खुद सीबीआई जांच की मांग को नकार दिया था और कहा था जांच का पहला मौका राज्य को दिया जाना चाहिए। लेकिन वहां के हालात को देखते हुए इस मामले को सीबीआई को शौप दिया गया।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में SIT गठन कर जांच की मांग की गई है।  याचिका में कहा गया कि इस मामले में SIT या फिर सीबीआई से इस मामले की जांच कराई जाए। यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दाखिल की है।