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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस दौरे से दिल्ली वापसी, रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार देर रात मॉरीशस की दो दिवसीय राजकीय यात्रा से दिल्ली लौट आए हैं। इस ऐतिहासिक दौरे ने भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को विस्तारित रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुँचा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम स्थापित हुए हैं।

पीएम मोदी ने मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा में पूर्ण सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने समुद्री सुरक्षा, स्थानीय मुद्राओं में व्यापार और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी और मॉरीशस के समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम ने इस बात पर सहमति जताई कि अब व्यापार निपटान के लिए भारतीय रुपया और मॉरीशस रुपया जैसी स्थानीय मुद्राओं का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, दोनों नेताओं ने व्यापार, आर्थिक सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने हेतु व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौते (सीईसीपीए) के दूसरे सत्र के आयोजन पर भी सहमति व्यक्त की।

8 समझौतों के माध्यम से सहयोग के नए आयाम

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि पिछले कई दशकों में दोनों देशों के संबंधों ने निरंतर प्रगति करते हुए एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप धारण कर लिया है। इस दौरे के दौरान निम्नलिखित क्षेत्रों में 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए:

राजनीतिक आदान-प्रदान

संसद की कार्यवाही में सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान, सांसदों के बीच संवाद को तेज करने और सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर सहमति।

विकास साझेदारी

रुपया लाइन ऑफ क्रेडिट, नए संसद भवन, विकास सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज, मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण के दिशा में काम।

अंतरिक्ष और जलवायु परिवर्तन

मॉरीशस के वैज्ञानिकों को ISRO में प्रशिक्षण, उपग्रह विकास और प्रक्षेपण के लिए संयुक्त प्रयास, तथा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते तलाशना।

स्वास्थ्य और शिक्षा सहयोग

मॉरीशस में स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण, शिक्षा के विकास हेतु रोडमैप तैयार करना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय की स्थापना में सहयोग।

आर्थिक एवं व्यापार सहयोग

उच्च शक्ति संयुक्त व्यापार समिति के दूसरे सत्र का आयोजन, स्थानीय मुद्राओं में व्यापार निपटान की सुविधा, तथा डबल टैक्स राहत समझौते में संशोधन पर प्रोटोकॉल की पुष्टि।

डिजिटल सहयोग

महात्मा गांधी संस्थान में ई-न्यायपालिका प्रणाली और अभिलेखों के डिजिटलीकरण, साइबर सुरक्षा सहित आईसीटी के क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करना।

सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंध

अभिलेखों के संरक्षण में सहयोग, प्रवासी जुड़ाव को मजबूत करने हेतु छात्रवृत्ति, और मॉरीशस के नागरिकों के लिए चार धाम यात्रा एवं रामायण यात्रा जैसी सुविधाएँ प्रदान करना।

रक्षा और समुद्री सुरक्षा सहयोग

संयुक्त समुद्री निगरानी और जल सर्वेक्षण के लिए जहाजों और विमानों की तैनाती बढ़ाना, मॉरीशस के विस्तारित ईईजेड (EEZ) की सुरक्षा में सहयोग, राष्ट्रीय समुद्री सूचना साझाकरण केंद्र की स्थापना एवं मॉरीशस पुलिस बल के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना।

भारत और मॉरीशस के बीच एक विशेष और अनूठा संबंध है, जिसमें इतिहास, भाषा, संस्कृति, विरासत और रिश्तेदारी के गहरे बंधन साफ झलकते हैं। मॉरीशस में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा में भोजपुरी का प्रभाव भी देखा जा सकता है, जो भारत के एक हिस्से में बोली जाती है। पीएम मोदी ने कहा कि एक स्वतंत्र, मुक्त, सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर, भारत और मॉरीशस दोनों की साझा प्राथमिकता है।

पीएम मोदी ने मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक आदान-प्रदान, विकास साझेदारी तथा स्वास्थ्य और शिक्षा सहयोग ने एक मजबूत नींव रखी है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भी पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान, ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ़ ऑर्डर ऑफ़ द स्टार एंड ऑफ़ द इंडियन ओशन’ से नवाजा। यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉरीशस दौरा, जिसमें उन्होंने 11 और 12 मार्च को विभिन्न महत्वपूर्ण बैठकों और समारोहों में भाग लिया, भारत और मॉरीशस के बीच सहयोग के नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। दोनों देशों ने अपने सांस्कृतिक, आर्थिक, और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए वचनबद्धता दिखाई है, जो भविष्य में क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।