सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ से बदली दुनिया की सोच: PM मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ का मंत्र अपनाया है, जिसके कारण अब दुनिया भारत के सामरिक महत्व को मान रही है।

जर्मनी के स्टटगार्ट में आयोजित एक ग्लोबल समिट में वीडियो संबोधन में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक प्रगतिशील और स्थिर नीति-निर्धारण की व्यवस्था बनाई। लालफीताशाही को खत्म किया, और जीएसटी जैसी कुशल कर प्रणाली को पेश किया, जिससे देश को तेजी से विकास की दिशा में बढ़ने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि इस समय एक मजबूत नींव रखी गई है, जिस पर भारत का भविष्य बन रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी को भारत का भरोसेमंद साझेदार बताया और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत-जर्मनी संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और दुनिया का हर देश विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का ‘फोकस ऑन इंडिया’ दस्तावेज इसका एक उदाहरण है। यह दस्तावेज दिखाता है कि दुनिया भारत के रणनीतिक महत्व को कैसे स्वीकार कर रही है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया की सोच में बदलाव के पीछे पिछले 10 वर्षों का ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ मंत्र रहा है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में नई नीतियां बनाई गई हैं। हमने लालफीताशाही खत्म की और व्यापार करने में आसानी की सुविधा प्रदान की। उन्होंने कहा कि भारत ने बैंकों को मजबूत किया ताकि विकास के लिए समय पर पूंजी उपलब्ध कराई जा सके। जटिल कर प्रणाली को सरल बनाया गया।

पीएम मोदी ने कहा कि जर्मनी में तीन लाख भारतीय रहते हैं और 50,000 भारतीय देश में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा समूह हैं। उन्होंने कहा कि 1,800 से अधिक जर्मन कंपनियां भारत में काम कर रही हैं और उन्होंने पिछले तीन-चार वर्षों में 15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है। द्विपक्षीय व्यापार करीब 34 अरब अमेरिकी डॉलर का है और भविष्य में इसमें बढ़ोतरी होगी।