नैनीताल और भीमताल आने वाले पर्यटकों की भीड़ को काबू करने को प्रशासन ने कमर कसी

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गर्मियों के साथ-साथ देशभर से पर्यटकों का उत्तराखण्ड आने का सिलसिला शुरु हो चुका है। वैसे तो सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त फ्लाइट सेवा और स्पेशल ट्रेनों का संचालन भी शुरु किया है। फिर भी अपने निजि वाहनों से उत्तराखण्ड के पहाड़ों में छुट्टियां बिताने आने वाले पर्यटकों का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। एक तरफ पर्यटकों के आने से शहर में चहल-पहल बढ़ती है, तो वहीं सड़कों पर भी जाम देखने को मिलता है। जाम की मुख्य समस्या ज्यादातर वीकेंड पर देखने को मिलती है।

जाम से निपटने को प्रशासन की तैयारी

इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन भी पूरी तरीके से तैयार नजर आ रहा है। रुट डायवर्जन, पार्किंग और शटल सेवा जैसे प्रभावशाली उपायों से रोड ट्रैफिक जैसी समस्या पर काबू पाया जा सकता है। अभी पर्यटकों की संख्या नियंत्रण में होने के कारण पहले चरण में वीकेंड पर रुट डायवर्जन किया जा रहा है। नैनीताल और भीमताल के रास्ते जाने वाले सभी वाहनों पर यह नियम सामान्य रुप से लागू है। वाहनों की संख्या बढ़ने पर अगले चरण से पार्किंग का विकल्प भी उपयोग में लाया जाएगा।

गौलापार से शुरु होगी शटल सेवा

अगर दोनों चरणों की व्यवस्था के बाद भी ट्रैफिक पर काबू नहीं पाया जाता तो फिर गौलापार से भी शटल सेवा की शुरुआत की जाएगी। गौलापार से शटल सेवा के संचालन के लिए भी जमीनी स्तर पर रुपरेखा बना ली गई है। बता दें कि शटल सेवा के प्रारंभिक चरण के लिए बाहर से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की जगह चिह्नित करनी होती है। फिर सार्वजनिक परिवाहनों की व्यवस्था की जाती है। कुल मिलाकर सुनियोजित तरीके से ट्रैफिक पर नियंत्रण पाया जाता है। जाम का एक और मुख्य कारण है बड़े और भारी वाहन। इन सभी बड़े और भारी वाहनो के निर्धारित मार्ग पर चलने पर सुबह 10 से रात 10 बजे तक रोक लगा दी गई है।