ऑस्‍ट्रेलिया में भारतीय मूल के वरुण घोष ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलियाई संसद में भगवत गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

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ऑस्‍ट्रेलिया में भारतीय मूल के वरुण घोष ने इतिहास रच दिया है। वह भारत में जन्‍मे पहले ऐसे व्‍यक्ति हैं जो ऑस्‍ट्रेलिया में सांसद बने हैं। यही नहीं सीनेटर की शपथ भी वरुण ने भागवत गीता पर हाथ रखकर ली। वह ऐसा करने वाले पहले ऑस्‍ट्रेलियाई सांसद हैं। इसकी काफी चर्चा हो रही है।

मेलबर्न: भारतीय मूल के अध‍िवक्‍ता वरुण घोष ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। वह पहले ऐसे ऑस्‍ट्रेलियाई सांसद बन गए हैं जिनका जन्‍म भारत में हुआ है। पश्चिमी ऑस्‍ट्रेलिया के वरुण घोष को सबसे नया सीनेटर नियुक्‍त किया गया है। इससे पहले विधानसभा और व‍िधान परिषद ने उन्‍हें संघीय संसद सीनेट में ऑस्‍ट्रेलियाई राज्‍य का प्रतिन‍िध‍ित्‍व करने के लिए चुना है। वरुण घोष का स्‍वागत करते हुए ऑस्‍ट्रेलियाई व‍िदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि आपको लेबर पार्टी की सीनेट टीम में देखकर बहुत खुशी हुई। वरुण पहले ऐसे ऑस्‍ट्रेलियाई सांसद हैं जिन्‍होंने भागवत गीता की शपथ ली है। इसकी काफी चर्चा हो रही है।

पेनी वोंग ने एक्‍स पर लिखा कहा, ‘पश्चिमी ऑस्‍ट्रेलिया से हमारे सबसे नए सीनेटर वरुण घोष आपका स्‍वागत है। सीनेटर घोष पहले ऐसे ऑस्‍ट्रेलियाई सीनेटर हैं जिन्‍होंने भागवत गीता की शपथ ली है। मैंने अक्‍सर कहा है कि जब आप किसी चीज में सबसे पहले होते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि आप आखिरी नहीं है।’ उन्‍होंने कहा कि मैं जानती हूं कि सीनेटर घोष अपने समुदाय और पश्चिमी ऑस्‍ट्रेलिया के लोगों के लिए आवाज बनेंगे। ऑस्‍ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्‍बानीज ने वरुण घोष बधाई दी है।

लेबर पार्टी से की है राजनीतिक करियर की शुरुआत

वेस्‍टर्न ऑस्‍ट्रेलिया की विधानसभा ने अपने बयान में कहा कि व‍िधानसभा और विधान परिषद ने सीनेटर वरुण घोष को संघीय संसद में वेस्‍टर्न ऑस्‍ट्रेलिया का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए चुना है। वरुण पेशे से एक वकील हैं और पर्थ शहर में रहते हैं। उन्‍होंने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्‍टर्न ऑस्‍ट्रेलिया से आर्ट्स और लॉ की पढ़ाई की है। वह पहले न्‍यूयॉर्क में फाइनेंस अटार्नी और वॉशिंगटन में विश्‍वबैंक में सलाहकार रह चुके हैं। वरुण घोष ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पर्थ में लेबर पार्टी से की थी।

वरुण जब मात्र 17 साल के थे तब उनका परिवार 1980 के दशक में भारत से ऑस्‍ट्रेलिया लौट आया था। वरुण ने अपने एक बयान में कहा, ‘मैं भाग्‍यशाली हूं कि मुझे अच्‍छी शिक्षा मिली और मैं अच्‍छी गुणवत्‍ता वाली शिक्षा में भरोसा करता हूं। साथ ही मानता हूं कि हर व्‍यक्ति के लिए ट्रेनिंग का मौका उपलब्‍ध रहना चाहिए।’ पिछले कुछ सालों से वरुण पर्थ में वकालत कर रहे हैं और वेस्‍टर्न ऑस्‍ट्रेलिया में कानूनी मामलों को देख रहे हैं।