भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि मोदी सरकार में सरकारी कामकाज में हिंदी का उपयोग काफी बढ़ा है। भारी उद्योग मंत्रालय में वर्ष 2021 के हिंदी पखवाड़े के पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ते कारोबार के साथ दक्षिण के लोग भी अब हिंदी के महत्व को समझ रहे हैं।
डॉ. पांडेय ने मौजूदा केंद्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह की खास तौर से चर्चा करते हुए कहा कि वे किसी भी अन्य भाषा की तुलना में हिंदी को प्राथमिकता देते हैं। उद्योग भवन में खचाखच भरे सम्मेलन कक्ष में उन्होंने अनुवाद के लिए तकनीक का सहारा लेने के संबंध में कहा कि भाषांतर में गूगल सहित अन्य तकनीक की उपयोगिता है लेकिन इसके इस्तेमाल के समय सावधानी भी रखी जानी चाहिए ताकि अर्थ का अनर्थ न होने पाए।
डॉ. पांडेय ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि मंत्रालय में उन्हें लगभग सभी फाइलें हिंदी में प्रस्तुत की जा रही हैं और कई अधिकारी अब हिंदी के लिए अनुवाद पर निर्भर न रहकर स्वयं भी मूल कामकाज हिंदी में करने के प्रति प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने में संसदीय राजभाषा समिति के प्रयासों की सराहना भी की।
पुरस्कार वितरण समारोह में कुल 19 विजेताओं को विभिन्न श्रेणियों में 34 पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव अरुण गोयल, अपर सचिव निधि छिब्बर, संयुक्त सचिव विजय मित्तल और अमित मेहता, निदेशक रमाकांत सिंह, संयुक्त निदेशक मदनपाल सिंह और उप-सचिव (प्रशासन) राजेश कुमार सहित कई अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक (राजभाषा) कुमार राधारमण ने किया।