देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज एशिया इकोनॉमिक डायलॉग को संबोधित करते हुए क्लीन एनर्जी के महत्व और जरूरत पर प्रकाश डाला। क्लीन एनर्जी पर अपने विचार रखते हुए अंबानी ने कहा कि क्लीन एनर्जी विकल्प नहीं, समय की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि न्यू एनर्जी को अपनाना इंडस्ट्री के लिए उपयोगी साबित होगा। न्यू एनर्जी पर्यावरण और धरती के लिए अनुकूल होगी। इस अवसर पर उन्होंने दिवंगत राहुल बजाज के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि राहुल बजाज एक सम्मानित कारोबारी थे और राहुल बजाज उनके सीनियर थे।
मुकेश अंबानी ने कहा कि ग्रीन एनर्जी बेहतर जीवन की राह को आसान करेगी. अगले 20 साल में देश में टेक्नोअलॉजी सेक्टर में सकारात्मकक बदलाव होंगे। पर्यावरण में बदलाव मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोंबल इकोनॉमी के लिए एशिया आकर्षण का केंद्र है। डेमोग्राफी और डेवलपमेंट में आज बेहतर तालमेल देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ साल में जीवाश्म ईंधन का प्रयोग बढ़ा है और ग्रीन एनर्जी बेहतर जीवन की राह को आसान बनाने का काम करेगी।
मुकेश अंबानी ने आगे कहा कि भारत भविष्य में ग्लोबल एनर्जी लीडर होगा। भारत ग्रीन एनर्जी का एक्सपोर्ट कर सकता है। भारत उद्यमशीलता की भावना से भरा देश है। इतना ही नहीं Renewable निवेश के लिए भारत में अच्छे अवसर मौजूद हैं।
सरकार ग्रीन एनर्जी लक्ष्य पाने को प्रतिबद्ध
ग्रीन एनर्जी पर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि सरकार का इस मुद्दे पर सकारात्मक रवैया है और सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने में सक्रिय है। सरकार ग्रीन एनर्जी लक्ष्य पाने को प्रतिबद्ध नजर आती है इसके महत्व को समझते हुए और दिशा में सक्रिय है। इसके साथ ही ग्रीन एनर्जी का फाइनेंसिंग टारगेट भी पूरा होगा।
सुपर टैलेंटेड एंटरप्रेन्योर अगले 20 वर्षों में भारत को एक हरित ऊर्जा महाशक्ति बना देंगे, जैसे कि भारत पिछले 20 वर्षों में एक आईटी महाशक्ति बन गया। रिलायंस भारत की हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें बड़े पैमाने पर हरित रोजगार के अवसर पैदा होंगे। और इस दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।
अपने संबोधन में अंबानी ने कहा कि मानवता के लिए जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण धरती पर संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि यहां सिर्फ एक ही PLANET है और कोई PLANET B नहीं है।
2030 तक तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा भारत
एशिया इकोनॉमिक डायलॉग (AED) में उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी के लिए फंडिंग को लेकर भारत सरकार गंभीर है। भारत दुनिया के कई देशों में स्वच्छउ ऊर्जा को एक्सिपोर्ट कर सकता है। 2030 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा। मुकेश अंबानी ने कहा कि पिछले कुछ साल में जीवाश्मो ईंधन का प्रयोग बढ़ा है। बजट में भी ग्रीन एनर्जी को लेकर बड़ी घोषणाएं हुई हैं। क्लीछन एनर्जी इस समय विकल्पम नहीं, बल्कि जरूरत है। मैं वाइल्ड लाइफ और प्रकृति का बड़ा प्रेमी हूं। मैं यही कहूंगा कि हमें प्रकृति और जानवरों को बचाने के लिए कदम उठाने होंगे।
एशिया के बारे में मुकेश अंबानी काफी पॉजिटिव नजर आये। एशिया पर अपना नजरिया पेश करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 में एशिया की GDP बाकी दुनिया से ज्यादा हो जायेगी। ग्लोबल इकोनॉमी के लिए एशिया आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और आगे भी बना रहेगा। जिससे प्रभावित होकर ग्लोबल इकोनॉमी आज एशिया की ओर शिफ्ट हुई है। वहीं दूसरी तरफ IT इंडस्ट्री के लिए पुणे एक बड़ा हब बना हुआ है।