वायरस को समझने के लिए भारतीयों के जीन पर परीक्षण शुरू, अध्ययन में जुटे सीएसआईआर के वैज्ञानिक

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भारत में कोरोना के वायरस के अब तक कई अलग-अलग रूप देखने को मिल चुके हैं। ज्यादात्तर मरीज ऐसे हैं जिनमें कोरोना वायरस का असर हल्का या बगैर लक्षण के साथ दिखाई दे रहा है। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादात्तर भारतीयों में कोरोना वायरस का असर काफी निष्क्रिय दिखाई दे रहा है। जबकि अमेरिका सहित दुनिया के अन्य बड़े देशों में कोरोना का सबसे तीव्र रूप नजर आ रहा है।

इसीलिए अब वैज्ञानिकों ने भारतीयों के जीन पर परीक्षण शुरू कर दिया है। हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) में यह अध्ययन शुरू हो चुका है। सीसीएमबी निदेशक डॉ. राकेश मिश्रा का कहना है कि इस वक्त यह जानना जरूरी है कि क्या भारतीयों में आनुवंशिक अंतर है? क्या यह अंतर निर्धारित कर रहा है कि हम वायरस को कैसे संभालते हैं?

इन सवालों के जबाव हासिल करने के लिए यह अध्ययन शुरू हो चुका है। इसके परिणाम आने में कुछ समय जरूर लगेगा लेकिन वैज्ञानिक तौर पर शायद हम यह निष्कर्ष पर पहुंच सकें कि भारत में कोरोना का असर अलग क्यूं है? इसके लिए हल्के या बिना लक्षण वाले मरीजों के देश भर से सैंपल एकत्रित किए जा रहे हैं। उनके जीनोम पर अध्ययन किया जा रहा है।