रेलवे कर्मचारियों को दिए प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश

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आगामी 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन के दृष्टिगत , उत्तर मध्य रेलवे प्रशासन द्वारा आवश्यक सेवाओं, संरक्षा से संबंधित रखरखाव और निरीक्षण कार्यों,  परिसंपत्ति की सुरक्षा, सामाजिक दूरी का पालन और कार्यस्थलों पर स्वच्छता प्रोटोकॉल संबंधी प्रयासों की सतर्क तरीके से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा पूर्व घोषित और कार्यान्वित प्रयासों के अलावा, रेल प्रशासन द्वारा कोविड-19 के समुदाय प्रसार से लड़ने और आवश्यक माल यातायात सेवाओं को बनाए रखते हुए किसी आकस्मिक परिस्थिति के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।

मालगाड़ी के चलने में व्यवधान की किसी भी संभावना को कम करने के लिए ट्रेन  परिचालन में संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। रेल लाइनों पर पॉइंट और क्रॉसिंग के अनुरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बड़े यार्डों में जहाँ रखरखाव के लिए अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, उन जगहों पर सामाजिक दूरी का पालन करने हेतु कम कर्मचारियों से केवल नितांत आवश्यक अनुरक्षण कार्य कराया जा रहा है और तदानुसार माल गाड़ियों की गति को 15 किमी प्रति घंटे तक नियंत्रित कर दिया गया है।

रेलवे ने संरक्षा श्रेणी और रनिंग स्टाफ के अनिवार्य मेडिकल परीक्षण  (पीएमई) के विस्तार पर विचार कर रहा है ताकि रेलवे की चिकित्सा सुविधाएं कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए उपलब्ध रहें। रेलवे ने पीपीई, वेंटिलेटर, अन्य आजीवन और महत्वपूर्ण उपकरणों की अपनी आवश्यकता को संकलित किया है और सभी जोनल रेलवे की समेकित आवश्यकता को किसी भी अप्रत्याशित और बड़ी आकस्मिक परिस्थिति के लिए तैयार करने हेतु नीती आयोग को भेजा गया है। उत्तर मध्य रेलवे कोविड-19 से संबंधित प्रक्रियाओं, विशेषकर वेंटिलेटर आदि के लिए अपने पैरामेडिकल कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण वेबसाइट पर उपलब्ध वीडियो का भी उपयोग कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए किया जा रहा है। किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने के लिए तैयारी के क्रम में, रेल डिब्बों को संशोधित करते हुए आईसोलेशन वार्ड के रूप में उपयोग करने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए मेडिकल डिपार्टमेंट के परामर्श के अनुरूप एक कोच को दिल्ली डिपो में ट्रायल तौर पर तैयार किया जा रहा है ताकि किसी अंतिंम निर्णय से पहले इसकी उपयोगिता का आंकलन किया जा सके।

आइसोलेशन बेडों की संख्या को बढ़ाने की संभावित आवश्यकता के दृष्टिगत सभी मंडलों को आईसोलेशन बेड के लिए सुविधाएं बनाने के लिए एक पूर्ण वार्ड / भवन की पहचान करने के लिए निर्देशित किया गया है। विभिन्न स्थानों में कोचों में स्थापित अस्पतालों (यदि वे स्थापित किए गए तो) में भोजन की व्यवस्था के लिए आईआरसीटीसी को तैयार रहने और इसके लिए योजना तैयार रखने के लिए कहा गया है। इस संदर्भ में जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्त ने बताया राष्ट्रीय आपदा में योगदान के लिए प्रतिबद्ध है और हम सभी से आग्रह करते हैं कि इस संकट के दौरान अपने महान राष्ट्र की सेवा करने में रेलवे की मदद करें और घर पर रहकर सामाजिक दूरी बनाए रखें।