अंतत: बिजली आधारित अर्थव्यवस्था बनेगा भारत: आर के सिंह

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बिजली मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत अंतत: बिजली आधारित अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि देश वाहनों को चलाने और खाने पकाने के लिये बिजली के उपयोग की दिशा में बढ़ रहा है। सिंह ने सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफीशिएंशी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) के गठन के 10 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘पूरा बिजली क्षेत्र बदलाव से गुजर रहा है और यह बदलाव जारी रहेगा। हम अपनी पूरी अर्थव्यवस्था को गति देना चाहते हैं। ऊर्जा पेट्रोलियम उत्पादों या ऊर्जा के अन्य रूप के बजाए बिजली के जरिये होगा।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘वाहनों के अलावा अगला लक्ष्य बिजली के जरिये खाना पकाना होगा। इसीलिए हम अर्थव्यवस्था को गति देंगे और बिजली को हरित बनाएंगे। ये हमारा दीर्घकालीन लक्ष्य है।’’ बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का संयुक्त उपक्रम ईईएसएल ने ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम को देश और विदेश में आगे बढ़ाने के अपने काम का 10 साल पूरा कर लिया है। वर्ष 2009 में गठित ईईएसएल के ऊर्जा बचत उपायों से 58 अरब यूनिट की बिजली की बचत हुई है और 4.6 करोड़ टन हरित गैस उत्सर्जन में कमी लायी गयी है। इस मौके पर सिंह ने ऊर्जा संरक्षण के लिये ईईएसएल की पहल और कारोबारी मॉडल की सराहना की।

मंत्री ने स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत देश भर में 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जाने की घोषणा की। ये स्मार्ट मीटर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और बिहार में काम कर रहे हैं। इस पहल का मकसद बेहतर सेवा के लिये वितरण प्रणाली में दक्षता लाना है। उन्होंने कृषि फीडरों से जुड़े संचयी क्षमता की 100 मेगावाट की विकेंद्रित सौर बिजली संयंत्र के चालू होने की भी घोषणा की। इस अवसर पर सिंह ने स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम, नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कार्यक्रम और सौर पहल को लेकर डैशबोर्ड जारी किये। इसका मकसद वास्तविक समय पर कार्यक्रम की प्रगति पर नजर रखना और पारदर्शिता लाना है।