पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने वाले शाहरुख पठान को जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार

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दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरोपी शाहरुख पठान को जमानत देने से इनकार कर दिया है। शाहरुख पठान पर हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल पर पिस्टल तानने और फायर करने का आरोप है। हाईकोर्ट ने पठान की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि घटना को लेकर वायरल हुई वीडियो क्लिप ने कोर्ट की अंतरात्मा को हिला दिया है कि वह कैसे कानून और व्यवस्था को अपने हाथों में ले सकता है।

जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने फैसले में कहा है कि आरोपी शाहरुख पठान का शिकायतकर्ता पुलिस अधिकारी या वहां मौजूद लोगों में से किसी व्यक्ति को हवा में लहराती हुई पिस्तौल से गोली से मारने का इरादा था या नहीं, लेकिन इस बात पर भरोसा करना काफी मुश्किल है कि उसे इस बात का ज्ञान नहीं था कि वह जो कर रहा है कि उससे वहां मौजूद किसी की जान को नुकसान हो सकता है।

कोर्ट ने कहा है कि मामला यह नहीं है कि आरोपी शाहरुख पठान घटना में शामिल नहीं था। कोर्ट ने कहा है कि सभी परिस्थितियों पर विचार करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि निचली अदालत ने सही कहा है कि याचिकाकर्ता हिंसा में शामिल होने का आरोपी है और इस बारे में घटना को लेकर पेश तस्वीर गवाही दे रही है। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों और अपराध की गंभीरता को देखते हुए कहा कि आरोपी पठान को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पठान की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इससे पहले आरोपी पठान की ओर से वकील ने कहा था कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और सुनवाई में काफी वक्त लगेगा। वकील ने यह भी कहा था कि ऐसे में उनके मुवक्किल को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि पठान पर संगीन आरोप है। पुलिस ने कहा कि आरोपी न सिर्फ हिंसा में शामिल रहा है, बल्कि कानून-व्यवस्था संभालने में लगे पुलिसकर्मी पर गोली चलाकर उसकी हत्या करने की कोशिश भी की थी। पुलिस ने यह भी कहा था कि आरोपी पठान की हिंसा भड़काने में अहम भूमिका रही है। यह दलील देते हुए दिल्ली पुलिस ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करने की मांग की।

निचली अदालत ने आरोपों की प्रकृति को गंभीर बताते हुए कहा था कि आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा था कि आरोपी ने पुलिसकर्मी पर खुलेआम पिस्टल तान रखी है और उसके इस कृत्य की वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुई है।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से अधिक घायल हो हुए थे। इस मामले में पुलिस ने शाहरुख पठान को 3 मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया था।