
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए उन प्रत्याशियों को पंचायत चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया है जिनके नाम ग्राम पंचायत और नगर निकाय—दोनों की मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। न्यायालय ने इसे पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघन माना है और स्पष्ट किया है कि ऐसे उम्मीदवार भविष्य में पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक कुमार मेहरा की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया। कोर्ट ने माना कि दोहरी मतदाता सूची में नाम होना पंचायती राज अधिनियम की धारा 9(6) और 9(7) का सीधा उल्लंघन है, जो प्रत्याशी की पात्रता को प्रभावित करता है।
यह याचिका शक्ति सिंह बर्त्वाल द्वारा दायर की गई थी, जिनका कहना था कि हरिद्वार को छोड़कर राज्य के 12 जिलों में कई प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके नाम दोनों प्रकार की मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। इससे न केवल चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं बल्कि यह नामांकन प्रक्रिया में असमानता भी पैदा करता है।
कोर्ट ने वर्तमान चुनाव में नहीं दिया दखल
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह वर्तमान पंचायत चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करेगा क्योंकि नामांकन प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। लेकिन यह आदेश भविष्य के लिए प्रभावी रहेगा और आने वाले चुनावों में लागू किया जाएगा।
फैसले के बाद प्रत्याशियों में भ्रम की स्थिति देखी जा रही है। याचिकाकर्ता और राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता इस आदेश की अलग-अलग व्याख्या कर रहे हैं। आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट का कहना है कि आदेश केवल भविष्य के चुनावों पर लागू होगा और आयोग इसे विधिक रूप से जांचेगा।
वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी का कहना है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार ऐसे प्रत्याशी वर्तमान में भी चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं और यदि उन पर कार्रवाई नहीं हुई तो यह न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन आयोग के स्तर पर इस आदेश के विधिक प्रभावों की समीक्षा की जा रही है। प्रत्याशियों और प्रशासन की निगाहें आयोग के स्पष्टीकरण पर टिकी हैं, जिससे स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सके।
हाईकोर्ट का यह फैसला राज्य में पंचायत चुनाव की पारदर्शिता और वैधानिकता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। हालांकि, इसका पूर्ण प्रभाव निर्वाचन आयोग के अंतिम स्पष्टीकरण के बाद ही सामने आएगा।