उत्तराखंड में तीन जिले छोड़कर शेष हिस्से में खुलेंगे स्कूल

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 देहरादून जिले के कालसी व चकराता क्षेत्र को छोड़कर शेष संपूर्ण भाग, हरिद्वार जिले, नैनीताल नगरपालिका परिषद और हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में कक्षा छह से नौवीं व 11वीं तक सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे। प्रदेश के शेष हिस्से में स्कूल कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल संचालित होंगे। कक्षा एक से पांचवीं तक स्कूल अभी बंद ही रहेंगे।राज्य मंत्रिमंडल की बीती नौ अप्रैल को बैठक में उक्त संबंध में निर्णय लिया गया था। तीन जिलों में जिन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, वहां स्कूलों को इस माह बंद रखने का फैसला लिया गया है। केवल 10वीं व 12वीं की बोर्ड कक्षाओं की आफलाइन पढ़ाई होगी। शेष क्षेत्रों में कक्षा छह, सात, आठ, नौ व 11वीं की कक्षाएं चलाने की अनुमति दी गई है। इन स्कूलों को कोविड-19 से सुरक्षा को लेकर जारी एसओपी (मानक संचालन कार्यविधि) का पालन करना अनिवार्य होगा। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने मंगलवार को इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों, शिक्षा महानिदेशक, निदेशक व सभी मुख्य शिक्षाधिकारियों को आदेश जारी किया। उक्त आदेश सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय स्कूलों और डे व बोर्डिंग निजी स्कूलों पर लागू होंगे। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को आंबेडकर जन्मदिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई दी है। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहब का राष्ट्र निर्माण में बहु आयामी योगदान है। वह एक महान राजनीतिक, इतिहासकार, कानूनविद्, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, शिक्षक व क्रांतिकारी थे। उन्होंने कहा कि यह प्रयास करना होगा कि डा. आंबेडकर के विचार अधिक से अधिक देशवासियों तक पहुंचें ताकि समरसता और सौहार्द के साथ मिल-जुलकर आगे बढ़ने की भावना और मजबूत बने। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने संदेश में कहा कि भारतीय लोकतंत्र में बाबा साहब आंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान हैं। वह जीवन पर्यंत मानवता की सेवा में समर्पित रहे। उनका यह सपना था कि भारत में जातिवाद खत्म हो, सामाजिक समानता के अवसर हों, अधिकारों की रक्षा हो। संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक को समानता का जो अधिकारी प्राप्त है, वह बाबा साहब की ही देन है।