संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से भारत समेत दुनिया के 188 देशों का समर्थन प्राप्त करने वाले प्रस्ताव को अंगीकार कर लिया। इस प्रस्ताव में कोविड-19 की महामारी को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग तेज करने का प्रस्ताव दिया गया था और कहा गया था कि वायरस से ‘समाज और अर्थव्यवस्था को भीषण’ खतरा है। इस प्रस्ताव का शीर्षक ‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकजुटता’ है।
इस वैश्विक महामारी पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंगीकार किया गया यह पहला दस्तावेज है। पूरी दुनिया में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख तक पहुंच गई है लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अब तक इस वैश्विक महामारी पर चर्चा नहीं हुई है। इस दस्तावेज में कोरोना वायरस से पूरी दुनिया के समाज पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव और अर्थव्यवस्था को पहुंचने वाला नुकसान शामिल है।
इसके अलावा इसमें वैश्विक यात्रा और कारोबार के खतरे और लोगों की आजीविका का संकट भी शामिल किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि इस वायरस से निपटने में मानवाधिकार का पूरी तरह से सम्मान होना चाहिए और किसी भी तरह के भेदभाव की इसमें कोई जगह नहीं है। इस प्रस्ताव का घाना, इंडोनेशिया, नॉर्वे, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड ने समर्थन किया है।