मिनी बस का फास्ट टैग लगा कर रोडवेज की बसें व ट्रक टोल प्लाजा शाहपुर से निकल कर टोल को चूना लगा रही थीं। बड़ी बारीकी से यह काम ही रहा था। टोल मैनेजर ने गहनता से जब जांच शुरू की तो फरवरी में 50 मामले पकड़े गए और निर्धारित टोल वसूला गया। शाहपुर टोल पर वाहनों के निककने के लिए कार, जीप, बस,मिनीबस,दस टयरा ट्रक आदि वाहनों का अलग अलग टोल शुल्क निर्धारित है।
इससे इतर रोडवेज की बसों में मिनी बस के फ़ास्ट टैग लगे थे जो धड़ल्ले से निकल रहीं थीं। फरवरी महीने में इस तरह की 50 बसें टोल मैनेजर की पकड़ में आईं जो छोटे टैग लगाए थीं। उन वाहनों से मैनेजर ने निर्धारित टोल शुल्क वसूला।बताया जाता है कि छोटी बसों का टोल शुल्क कम है जबकि बड़ी बसों का शुल्क ज्यादा है इसी वजह से रोडवेज की बड़ी बसें छोटी मिनी बसों का फास्ट टैग लगवा कर टोल प्लाजा से निकलने का काम कर रही थीं।
बड़ी बारीकी से जब टोल मैनेजर ने बसों के टैग की जांच पड़ताल की तो 50 बसें पाई गईं जिनके फास्ट टैग गलत थे। उनसे चार्ज वसूला गया और निर्धारित टैग लगवाया गया। शाहपुर के टोल मैनेजर रामपाल यादव बताते हैं छोटे फ़ास्टटैग का इस्तेमाल मिनी बस कार जीप में किया जा सकता है। बड़ी बस से या छतीस,बयालीस,बावन सीटर बस और ट्रक में बड़े फास्ट टैग लगते हैं। छोटे टैग से एनएचआई को प्रतिदिन लाखों का चूना लग रहा था।मैनेजर ने वाहन मालिकों से कहा है कि जो अनुमन्य टैग है वही लगवाएं।पकड़े जाने पर अब जुर्माना लगेगा।दूना टोल वसूला जाएगा।