
विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी का पर्यटन सीजन अब अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। हर साल की तरह इस वर्ष भी 31 अक्तूबर को घाटी पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाएगी। हालांकि इस बार घाटी में भारतीय पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय कमी देखने को मिली है, जिससे नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन के राजस्व पर भी असर पड़ा है।
भारतीय पर्यटक घटे, विदेशी बढ़े
पिछले वर्ष फूलों की घाटी में 17,654 भारतीय पर्यटक पहुंचे थे, जबकि इस बार अब तक केवल 14,528 भारतीय पर्यटक ही पहुंच पाए हैं। यानी लगभग तीन हजार की कमी दर्ज की गई है। इसके विपरीत विदेशी पर्यटकों की संख्या में हल्की बढ़ोतरी देखी गई। वर्ष 2024 में जहां 268 विदेशी सैलानी आए थे, वहीं इस साल अब तक 384 विदेशी पर्यटक घाटी का दीदार कर चुके हैं।
राजस्व पर सीधा असर
भारतीय पर्यटकों की संख्या घटने का सीधा असर पार्क प्रशासन की आय पर पड़ा है। पिछले वर्ष पार्क प्रशासन को 36 लाख 18 हजार 450 रुपये की आय हुई थी, जबकि इस साल अब तक केवल 31 लाख 13 हजार 700 रुपये का ही राजस्व प्राप्त हो सका है।
सीजन समाप्ति के साथ घटते पर्यटक
वनक्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि इस साल घाटी में भारतीय पर्यटकों की संख्या कम हुई है, हालांकि विदेशी पर्यटक बढ़े हैं। मौसम बदलने और फूलों के सूखने के कारण भी पर्यटकों की संख्या धीरे-धीरे घटती जा रही है।
हर साल की तरह इस बार भी फूलों की घाटी 31 अक्तूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी। इसके बाद बर्फबारी और प्रतिकूल मौसम के कारण इसे बंद कर दिया जाएगा। फूलों की घाटी अपनी अनोखी जैव विविधता और रंग-बिरंगे फूलों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। हालांकि इस बार भारतीय सैलानियों की संख्या कम रहने से पर्यटन सीजन का उत्साह कुछ फीका पड़ गया है।