राफेल सौदे का विवाद की आग बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी राफेल सौदा को लेकर वायुसेना और सेना प्रमुख की बयानबाजी पर आपत्ति जताई है। चिदंबरम ने अपने बयान में कहा कि कहा है कि राफेल विमान की क्षमता पर किसी को शक नहीं है बल्कि विमान के सौदे पर सवाल हैं। ऐसे में सेना और वायुसेना प्रमुख का राफेल विमान सौदे पर बयानबाजी अनुचित है।
पी चिंदबरम ने कहा, “हम वायु सेना प्रमुख पर सवाल खड़े नहीं कर रहे हैं, हम विनम्रता के साथ सेना और वायु सेना से इस बहस से बाहर रहने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि कोई भी विमान की क्षमता पर संदेह नहीं कर रहा है, बल्कि सौदे पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
P Chidambaram on MHA order authorizing agencies for purposes of interception, monitoring of information: Not studied the matter, but if anybody is going to monitor computers then it is an Orwellian state(a condition that George Orwell identified as destructive for a free society) pic.twitter.com/40ZgOOuvwJ
— ANI (@ANI) December 21, 2018
वीरप्पा मोइली ने पहले भी अपने बयान में वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ पर झूठ बोलने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मोइली ने अपने बयान में कहा है कि धनोआ ने सच को दबाने के लिए झूठ बोला। धनोआ ने जोधपुर में कहा था कि राफेल सौदा देश की सुरक्षा के मामले में गेम चेंजर साबित होगा। वहीं, उन्होंने राफेल सौदे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को शानदार बताया था।
वीरप्पा मोइली का कहना है कि, ‘सरकारी रिकॉर्ड में रक्षा मंत्री और वायु सेना प्रमुख धनोआ चाहते थे कि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को शामिल किया जाए।