गुजरात में कक्षा 9 से 12 तक भगवद गीता के पाठ अनिवार्य!

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गुजरात सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए 2025 के शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए भगवद गीता के मूल्य-आधारित पाठ को अनिवार्य कर दिया है। ये पाठ अब प्रथम भाषा की पाठ्यपुस्तकों—गुजराती, हिंदी, उर्दू और अंग्रेज़ी—में शामिल होंगे और राज्य बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों में इन्हें पढ़ाना अनिवार्य होगा।

सरकार के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों, जीवन कौशल और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना है। कक्षा 6 से 8 के लिए, पिछले वर्ष ही भगवद गीता पर आधारित एक पूरक पुस्तक जारी की गई थी, जो वर्तमान में आधिकारिक पाठ्यक्रम का हिस्सा है। हालांकि, यह मुख्य भाषा पुस्तकों में पूरी तरह शामिल नहीं है, बल्कि एक अतिरिक्त अध्ययन सामग्री के रूप में उपयोग की जाती है।

यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की उस सिफारिश के अनुरूप है, जिसमें भारत की पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों और मूल्यों को शिक्षा प्रणाली में शामिल करने पर जोर दिया गया है। शिक्षा विभाग का कहना है कि इस बदलाव से विद्यार्थियों में जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ेगा।