कृषि का स्वर्णिम अध्याय है पीएम- किसान योजना- कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने ट्वीट कर पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तीसरी वर्षगाँठ पर देश के सभी किसानों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा की कृषि का स्वर्णिम अध्याय है पीएम- किसान योजना. 3 साल पहले. आज के ही दिन पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई थी।

कृषि मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना की तीसरी वर्षगाँठ पर देश के सभी किसान भाइयों एवं बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

ये योजना आज देश के छोटे किसानों का बहुत बड़ा संबल बनी है। इसके तहत देश के 11 करोड़ किसानों को लगभग पौने 2 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 10,000 एफपीओ फॉर्मेशन की योजना के तहत क्लस्टरों को एफपीओ में तब्दील किया जाएगा।

भारत सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त 6.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को 500 हेक्टेयर में क्लस्टर मोड में शामिल करने की पहल करने जा रही है।

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कई अध्ययनों ने भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (प्राकृतिक खेती) की उत्पादन में वृद्धि, स्थिरता, पानी के उपयोग की बचत, मिट्टी के स्वास्थ्य और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के संदर्भ में प्रभावशीलता की पुष्टि की है।

भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति” के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के लिए ₹4980.99 लाख की सहायता राशि को स्वीकृत दी गई है।

प्राकृतिक खेती के लिए सभी इनपुट खेत पर ही बनाए जाएं – ताकि जहां तक संभव हो कुछ भी बाहर से खरीदा न जाए। भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के तहत 3 साल के लिए ₹12,200 प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

विशेष सरसों मिशन के कारण 2021-22 में 18.5 मिलियन हेक्टेयर अधिक क्षेत्र को रेपसीड और सरसों की खेती के तहत लाया गया है।

सरकार का प्रमुख फोकस तीन प्रमुख तिलहनों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने पर है। सरसों, सोयाबीन और मूंगफली जो कुल तिलहन उत्पादन का 92% हिस्सा हैं।

वर्ष 2020-21 में तिलहन की खेती (28.79 मिलियन हेक्टेयर) और तिलहन उत्पादन (36.10 मिलियन टन) के तहत क्षेत्र में एक सर्वकालिक रिकॉर्ड देखा गया। दूसरे एई के अनुसार, इस वर्ष (2021-22), उत्पादन 37.10 मिलियन टन से भी अधिक होने की संभावना है।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े ट्रेड को बिल्कुल बदलने वाली है। किसान ड्रोन्स का देश की खेती में अधिक से अधिक उपयोग, इसी बदलाव का हिस्सा है। ड्रोन टेक्नॉलॉजी, एक स्केल पर तभी उपलब्ध हो पाएगी, जब हम एग्री स्टार्टअप्स को प्रमोट करेंगे।