ऊर्जा मंत्री आर के सिंह, आईएसए असेम्बली के अध्यक्ष, और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष महामहिम उर्सुला वॉन डेर लेयन ने आज गुरूग्राम स्थित इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) सचिवालय की अपनी यात्रा के दौरान आईएसए मुख्यालय में सौर ऊर्जा विकास पर उद्योग को संबोधित किया। यहा उपस्थित सभी व्यक्तियों ने उद्योग के प्रतिनिधियों को संबोधित किया और सौर ऊर्जा विकास पर एक चर्चा में भाग लिया। आईएसए महानिदेशक अजय माथुर ने आईएसए मुख्यालय में अतिथियों की मेजबानी की।
बैठक के दौरान सौर उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी; भारत और भूटान में यूरोपीय संघ के राजदूत, महामहिम उगो एस्टुटो; और आईएसए के सात यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में से पांच के राजदूत: फ्रांस के राजदूत महामहिम इमैनुएल लेनैन; डेनमार्क के राजदूत, महामहिम फ्रेडी सवाने; स्वीडन के राजदूत, महामहिम क्लास मोलिन; जर्मनी के राजदूत, महामहिम वाल्टर लिंडनर; और इटली के राजदूत, महामहिम विन्सेन्ज़ो द लुका उपस्थित थे।
अब समय आ गया है कि सभी देश एक साथ आएं और एक-दूसरे की समस्याओं को हल करने में योगदान दें- ऊर्जा मंत्री
आईएसए असेंबली के अध्यक्ष आर के सिंह ने कहा कि भारत ने ऊर्जा परिवर्तन की विश्व स्तर पर स्वीकृत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की अब समय आ गया है कि सभी देश एक साथ आएं और एक-दूसरे की समस्याओं को हल करने में योगदान दें।
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ने अपने मुख्य भाषण में कहा, “भारत और यूरोपीय संघ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। भारत और यूरोपीय संघ दोनों शुद्ध शून्य उत्सर्जन के अपने रास्ते पर चल दिए हैं। सफलता हासिल करने के लिए भारत और यूरोप दोनों में, सौर ऊर्जा प्रमुख भूमिका निभाएगी। अब हमें सौर ऊर्जा के विकास में यूरोपीय संघ और भारत के बीच सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। हम एक दूसरे से सीख सकते हैं कि कैसे सौर ऊर्जा से आमदनी की जाए, उसे कैसे बढ़ावा दिया जाए और असरदार तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाए और कैसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और सौर पैनलों के लिए आवश्यक सामग्री को सुरक्षित किया जाए।”
नवीन नवीकरणीय और ऊर्जा मंत्रालय में सचिव ने कहा कि वैश्विक समुदाय जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में इंटरनेशनल सोलर एलायंस में भरोसा बढ़ा रहा है। उन्हों ने कहा कि यूरोपीय आयोग के अध्यवक्ष की आईएसए मुख्या लय की यात्रा आईएसए के प्रयासों को मजबूत करने के लिए दुनिया भर के देशों से एक नई प्रतिबद्धता की राह दिखाएगी।
टाटा पावर और विक्रम सोलर के सीईओ ने ऊर्जा विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर अपने विचार साझा किए
चर्चा के दौरान, आईएसए के महानिदेशक ने कहा कि आईएसए यूरोपीय आयोग की भावना के साथ है जो है, ‘कोई व्यक्ति और कोई जगह नहीं छोड़ी।’ उन्होंने कहा कि यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के साथ भारत का सहयोग सौर ऊर्जा को सुलभ, किफायती और समान रूप से उपलब्ध कराने के माध्यम से आपस में मिलकर कार्य करने की दिशा में बढ़ते सहयोग को अमल में लाने के लिए बना है।
उद्योगपतियों में क्लीन एनर्जी इंटरनेशनल इनक्यूबेशन सेंटर, ईडीएफ-इंडिया, ग्रीनको, रिलायंस, रिन्यू पावर, शनिडर इलेक्ट्रिक, टाटा पावर और विक्रम सोलर के सीईओ शामिल थे। उन्होंने सौर ऊर्जा विकास से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
इंटरनेशनल सोलर एलायंस की स्थापना के बाद से यूरोपीय आयोग और आईएसए का एक मजबूत सहयोग रहा है। 2018 में सीओपी24 में, यूरोपीय संघ और इंटरनेशनल सोलर एलायंस ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। यूरोपीय आयोग के कार्यकारी-उपाध्यक्ष, महामहिम फ्रांस टिमरमैन्सए ने अक्टूबर 2021 में आईएसए असेम्बयली में अपनी भागीदारी के दौरान यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित 1 मिलियन यूरो की एक परियोजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य इंटरनेशनल सोलर एलायंस के साथ यूरोपीय संघ, यूरोपीय संघ के सदस्य देशों और यूरोपीय संघ के शैक्षणिक, व्यापार और वित्तीय समुदायों के जुड़ाव को और मजबूत करना है। वर्तमान में, 7 ईयू सदस्य देश: फ्रांस, नीदरलैंड, डेनमार्क, स्वीडन, जर्मनी, इटली और ग्रीस आईएसए सदस्य देश हैं। भारत और फ्रांस आईएसए के अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष हैं।
यूरोपीय संघ-आईएसए का एक भागीदार संगठन है
11 दिसंबर 2018 को सहयोग के लिए एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ, यूरोपीय संघ आईएसए का एक भागीदार संगठन है। ईयू आईएसए के सहयोगी और ज्ञान मंच, आईएसए इन्फोपीडिया और सौर अकादमी के विकास जैसे ठोस कार्यों के साथ आईएसए को सहयोग करता है। अकादमी जिसे आईएसए की महासभा 2019 में शुरू किया गया था।
स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई के क्षेत्र में यूरोपीय संघ-भारत सहयोग: यूरोपीय संघ और भारत जलवायु कार्य और किफायती, स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा सुनिश्चित करने पर निकट सहयोग कर रहे हैं, जो दोनों पक्षों के लिए एक प्रमुख क्षेत्र है। वर्तमान यूरोपीय संघ- भारत जलवायु और ऊर्जा संबंध भारत-यूरोपीय संघ स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु भागीदारी द्वारा निर्देशित हैं, जैसा कि 30 मार्च 2016 को यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में सहमति व्यक्त की गई थी, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के क्षेत्र में और पेरिस समझौते के कार्यान्वयन में सहयोग को बढ़ाना है। 6 अक्टूबर 2017 को यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में संयुक्त बयान में इस साझेदारी की पुन: पुष्टि की गई। संयुक्त वक्तव्य में और यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी में: यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में 15 जुलाई 2020 को 2025 के रोडमैप पर सहमति हुई, साथ ही 8 मई 2021 को यूरोपीय संघ-भारत के नेताओं की बैठक में अपनाए गए संयुक्त वक्तव्य में भी स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु भागीदारी के तहत सहयोग को मजबूत करने का स्वागत किया गया।