उत्तराखंड की देवभूमि में आज 38वें राष्ट्रीय खेलों का शानदार आगाज हुआ। देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित इस भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलों का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री के आगमन पर स्टेडियम में लोगों में खासा उत्साह देखा गया। पीएम मोदी ने दर्शक दीर्घा की ओर हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया, जिसके बाद स्टेडियम में “मोदी-मोदी” और “जय श्री राम” के नारे गूंज उठे।
शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम और शिव तांडव नृत्य
समारोह की शुरुआत शिव तांडव नृत्य से हुई, जो स्टेडियम के बीच बने हिमालय पर्वत की भव्य लाइटिंग के साथ प्रस्तुत किया गया। इससे पहले “मैं हिमालय हूं” शीर्षक की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई, जिसने हिमालय के महत्व और सौंदर्य को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। स्टेडियम के बीच स्थित 60 फीट ऊंची वीडियो वॉल और लेजर लाइट शो ने उद्घाटन समारोह को और भी यादगार बना दिया।
पीएम मोदी ने एथलीट्स से की मुलाकात
शुभारंभ से पहले पीएम मोदी ने खेलों में भाग लेने वाले प्रमुख एथलीट्स से मुलाकात की। इसमें जसपाल राणा, मनीष रावत, और बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन समेत 11 खिलाड़ी शामिल थे। इस दौरान खिलाड़ियों के साथ उनकी बातचीत ने सभी का ध्यान खींचा।
सीएम धामी ने पारंपरिक भेंट देकर किया स्वागत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी को सिल्क्यारा पर लिखी किताब, एक शाल, और उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी भेंट की।
25 हजार दर्शकों की मौजूदगी
उद्घाटन समारोह में 25 हजार से अधिक दर्शक शामिल हुए, जिन्होंने इस ऐतिहासिक पल को अपनी आंखों में कैद किया। राष्ट्रीय खेलों में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 11,340 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
मेजबान उत्तराखंड की टीम से सबसे अधिक 1,016 खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे। देश के सबसे छोटे संघ राज्यक्षेत्र लक्षद्वीप से मात्र दो खिलाड़ी इन खेलों में हिस्सा लेंगे। एथलेटिक्स में सबसे अधिक 700 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
खेलों का रोमांच दिन और रात दोनों में, राष्ट्रीय खेलों में कई स्पर्धाएं रात में भी आयोजित की जाएंगी, जो दर्शकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होंगी।
उत्तराखंड ने 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर एक नई मिसाल पेश की है। यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा मंच साबित होगा, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी उजागर करेगा। खेलप्रेमियों और खिलाड़ियों को इन खेलों से बड़ी उम्मीदें हैं, और यह आयोजन भारत के खेल इतिहास में सुनहरा अध्याय जोड़ेगा।