मध्यप्रदेश के शहडोल में रिश्तों के लिहाज से देखा जाय तो एक अनोखा गांव है, जहां पूरा गांव एक-दूसरे का रिश्तेदार है। एक व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति से कम से कम 3 रिश्तों में जुड़ा है। दरअसल इन सबके पीछे गांव में सदियों पुरानी चली आ रही एक परंपरा है।
इस अनोखी परंपरा के कारण गांव के लड़के-लड़कियों की शादी गांव में हो रही है, जिस कारण आज पूरा गांव एक-दूसरे का रिश्तेदार बन बैठा है। हालांकि अब कुछ शादियां गांव के बाहर भी होने लगी हैं लेकिन उनकी संख्या अभी भी न के बराबर है। ग्रामीणों के अनुसार गांव में होने वाली शादियों की संख्या 500 के पार जा चुकी है।
शहडोल जिले की ग्राम पंचायत खन्नाथ कुर्मी पटेल बाहुल्य है। 4000 से ज्यादा की आबादी वाले इस गांव की कुल आबादी में से 60 प्रतिशत से ज्यादा पटेल समुदाय के लोग निवासरत हैं। इस कारण इस गांव को पटेलों का गांव भी कहा जाता है।
खन्नाथ समेत आसपास के कुल 8 गांव हैं, जहां पटेल समुदाय की लगभग पूरी रिश्तेदारी जद में आ जाती है। इनमें बोडरी, पिपरिया, खैरहा, नौगांव, चौराडीह, कंचनपुर, बंडी, नदना शामिल हैं। गांव के बाहर यदि शादियां होती हैं तो इन्हीं गांव से बारात आएगी या जाएगी।
खन्नाथ गांव में रहने वाले 81 वर्षीय बुजुर्ग प्रेमलाल पटेल बताते हैं कि हमारे यहां लड़के-लड़कियों की शादी गांव में ही करने की परंपरा 500 साल से ज्यादा पुरानी है। हमारे दादा, परदादा समेत उनके भी परिजनों की शादी गांव में होती थी। उनके बाद आने वाली पुश्तों ने इस परंपरा को आज भी जीवित रखा है।