15 जनवरी यानी म्रकर संक्राति से शुरु होने जा रहा आस्था और विश्वास का यह पर्व पूरे 50 दिन ,4मार्च महा शिवरात्री तक चलेगा। कुंभ मेले का इतिहास कम से कम 850 साल पुराना है। माना जाता है, कि आदि शंकराचार्य ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन कुछ कथाओं के अनुसार कुंभ की शुरुआत समुद्र मंथन के आदिकाल से ही हो गई थी।
धर्मिक मान्यता के आनुसार कुंभ के दौरान पवित्र नदी में स्नान या तीन डुबकी लगाने से सभी तरह के पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी वजह से बड़े-बड़े साधू-संतों से लेकर सभी श्रद्धालु कुंभ मेले में शामिल होते हैं।
कुंभ को प्रदेश व केन्द्र सरकार ऐतिहासिक बनाने के लिए हर सम्भव कोशिश कर रही है। इसके लिए बड़े शहरों को विमान सेवाओं से जोड़ने की योजना भी शामिल है। ताकि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों को आने में आसानी हो।