उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में भीड़ द्वारा हिंसा के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हर तरह की अराजकता को संरक्षण देने का परिणाम है कि अब कानून के रखवाले भी बलि चढ़ रहे हैं। यह अति-दुख और चिन्ता की बात है।
बुलंदशहर में सोमवार को हुई हिंसक घटना में एक पुलिस अधिकारी और एक युवक की मौत पर गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करते हुए मायावती ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि भाजपा और उसकी सरकारों को उसके ही द्वारा उत्पन्न किए गये भीड़तंत्र के हिंसक और अराजक राज को खत्म करने के लिए देश और प्रदेशों में कानून का राज स्थापित करने का पूरी ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए ताकि देश के संविधान व लोकतंत्र को भीड़तंत्र की बलि चढ़ने से रोका जा सके।
दरअसल मायावती ने सोमवार रात को राजधानी लखनऊ में भाजपा के एक युवा नेता प्रत्यूषमणि त्रिपाठी की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा द्वारा उत्पन्न भीड़तंत्र की उग्र तथा हिंसक स्थिति का शिकार अब स्वयं भाजपा के लोग ही होने लगे हैं। बसपा प्रमुख ने बयान में मांग की है कि बुलन्दशहर में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार सभी दोषियों को सख्त सजा, समय पर दिलाना सुनिश्चित किया जाना चाहिये ताकि देश को महसूस हो कि उत्तर प्रदेश में कोई सरकार भी है।