
पौड़ी जिले के गुमखाल क्षेत्र में जंगली मशरूम की सब्जी खाने से सात नेपाली श्रमिकों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। इनमें एक महिला भी शामिल है। सभी को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। समय पर उपचार मिलने से सभी की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
काम के बाद बनाया भोजन, एक घंटे में बिगड़ी तबीयत
जानकारी के अनुसार, सोमवार शाम गुमखाल में एक होटल निर्माण कार्य में जुटे करीब 20 नेपाली श्रमिकों ने दिनभर का काम खत्म होने के बाद खाना बनाया। लाल बहादुर नामक श्रमिक ने होटल के पीछे से जंगली मशरूम तोड़कर लाया, जिसे सब्जी बनाकर सभी ने साझा किया।
खाना खाने के करीब एक घंटे बाद ही सात श्रमिकों की तबीयत बिगड़ने लगी। सभी को उल्टी, दस्त, पेट दर्द और घबराहट जैसे लक्षण दिखने लगे।
सीएचसी से बेस अस्पताल तक पहुंचाया गया
बीमार श्रमिकों को रात में ही अन्य साथियों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) रिखणीखाल ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार मिला। लेकिन हालत में सुधार न होने पर मंगलवार तड़के चार बजे सभी को एम्बुलेंस से बेस अस्पताल कोटद्वार रेफर किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि यदि इलाज में थोड़ी भी देरी होती, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।
बीमार पड़े सभी श्रमिक नेपाल के जिला सुरखेत के रहने वाले हैं: ललिता (42), सुमन बहादुर (17) – ग्राम सिम्हाना, धन बहादुर (53), लाल बहादुर (34), धनराज (42), धरम खत्री (52) और वीरेंद्र (56)।
बड़ी संख्या में नेपाली श्रमिक कर रहे हैं काम
गौरतलब है कि नेपाल से आए दर्जनों श्रमिक पौड़ी गढ़वाल जिले में विभिन्न निर्माण कार्यों में लगे हुए हैं। गुमखाल में भी 20 से अधिक नेपाली श्रमिक एक होटल निर्माण परियोजना में कार्यरत हैं। सभी एक ही स्थान पर ठहरे हुए हैं और सामूहिक रूप से भोजन करते हैं।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से जंगली मशरूम और अज्ञात वनस्पतियों का सेवन न करने की अपील की है। ग्रामीण और श्रमिक वर्ग में अब भी जागरूकता की कमी के कारण हर साल ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें गंभीर स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। समय रहते चिकित्सा सुविधा मिलने से इन सातों श्रमिकों की जान बच गई, लेकिन यह घटना एक बार फिर जंगली खाद्य पदार्थों के खतरों की गंभीर चेतावनी बनकर सामने आई है।