सौराष्ट्र की निगाहें घरेलू मैदान पर रणजी ट्राफी जीतने पर

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जयदेव उनादकट की अगुआई में सौराष्ट्र की टीम सोमवार से यहां शुरू होने वाले फाइनल में बंगाल पर शानदार जीत से घरेलू मैदान पर रणजी ट्राफी खिताब अपने नाम करना चाहेगी। हालांकि आत्मविश्वास से भरी प्रतिद्वंद्वी को हराना इतना आसान नहीं होगा। सौराष्ट्र की टीम आठ सत्र में चौथे फाइनल में पहुंची है जबकि बंगाल ने 1989-90 में जीत के बाद कभी भी सफलता का स्वाद नहीं चखा है इसलिये दोनों टीमें ट्राफी अपने नाम करने के लिये बेताब होंगी। बंगाल ने जहां सेमीफाइनल में मजबूत कर्नाटक को शिकस्त दी तो सौराष्ट्र ने एससीए स्टेडियम में कड़े मुकाबले में गुजरात को हराया और अब इसी मैदान पर फाइनल मुकाबला खेला जाना है।

सौराष्ट्र की टीम में भारतीय टेस्ट टीम के नियमित खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा शामिल हो गये हैं जबकि बंगाल में न्यूजीलैंड से लौटे ऋद्धिमान साहा जुड़ गये हैं। उनादकट सेमीफाइनल के दौरान भी पुजारा से लगातार संपर्क में रहे और इस अहम मुकाबले में उनकी उपस्थिति से टीम का मनोबल बढ़ेगा ही। उनादकट इस सत्र में शानदार फार्म में हैं और उनकी बदौलत ही सौराष्ट्र की टीम ने गुजरात के खिलाफ जीत हासिल की। उनादकट ने 12.17 के औसत से इस सत्र में 65 विकेट चटकाये हैं और वह 68 विकेट के रिकार्ड से महज तीन विकेट दूर हैं जो बिहार के स्पिनर आशुतोश अमन ने पिछले सत्र में बनाया था।

उनादकट के इस सत्र में शानदार प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में वापसी की दौड़ में शामिल कर दिया है लेकिन उनका मानना है कि अगर उनकी टीम जीत हासिल नहीं करती तो निजी प्रदर्शन मायने नहीं रखता। उन्होंने गेंद से ही नहीं बल्कि अपनी कप्तानी से भी प्रभावित किया लेकिन वह अपने साथी तेज गेंदबाजों से भी और अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे। पुजारा के अलावा टीम के सर्वाधिक रन जुटाने वाले शेल्डन जैक्सन से भी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी उठाने की उम्मीद होगी। सौराष्ट्र हालांकि बंगाल के पैने तेज गेंदबाजी आक्रमण से सतर्क रहेगा जिसकी बदौलत प्रतिद्वंद्वी टीम ने आठ बार के चैम्पियन कर्नाटक पर जीत हासिल की थी।

ईशान पोरेल, मुकेश कुमार और आकाश दीप की तेज गेंदबाजी तिकड़ी ने सेमीफाइनल में शानदार गेंदबाजी की और टीम की सफलता में अहम योगदान दिया है। बायें हाथ के स्पिनर शाहबाज अहमद इस सत्र में मुकेश कुमार और आकाश दीप के साथ टीम के संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज हैं। बल्लेबाजी की जिम्मेदारी अनुभवी मनोज तिवारी पर होगी जिन्होंने 10 मैचेां में 672 रन जुटाये हैं लेकिन पटियाला में चुनौतीपूर्ण पिच पर जीत दिलाने वाली दो अर्धशतकीय पारियों के बाद से वह लंबी पारी नहीं खेल पाये हैं। मुख्य कोच अरूण लाल की भूमिका की भी अनदेखी नहीं की जा सकती जिनके मार्गदर्शन में टीम 13 साल के बाद फाइनल में पहुंची है। मैच सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होगा।