Home news दिव्‍यांगजनों को न्‍यूनतम सहायता सेवाएं सुनिश्चित कराने का अनुरोध

दिव्‍यांगजनों को न्‍यूनतम सहायता सेवाएं सुनिश्चित कराने का अनुरोध

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्‍यांगजन सशक्तिकरण विभाग  (डीईपीडब्‍ल्‍यूडी) ने गृह मंत्रालय से लॉकडाउन अवधि के दौरान दिव्‍यांगजनों को न्‍यूनतम सहायता सेवाएं सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया है। गृह मंत्रालय के सचिव को लिखे पत्र में डीईपीडब्‍ल्‍यूडी के सचिव ने कहा है कि जोखिम की स्थितियों में दिव्‍यांगजन बेहद असहाय हैं। उनकी दिव्‍यांगता के कारण उन्‍हें निरंतर देखभाल और सहायता की आवश्‍यकता है। उनमें से अधिकांश अपनी दैनिक गतिविधि,जीवन के लिए अपने देखरेख करने वालों सहायकों और अन्‍य सहायता सेवा प्रदाताओं पर निर्भर हैं। डीईपीडब्‍ल्‍यूडी को विभिन्‍न स्‍थानों से अनेक फोन आ रहे हैं, जो लॉकडाउन की अवधि के दौरान सहायकों के दिव्‍यांगजनों के घर तक नहीं पहुंच पाने के कारण दिव्‍यांगों को रही कठिनाइयों की जानकारी दे रहे हैं।

यद्यपि इस तथ्‍य से इंकार नहीं किया जा सकता कि सामाजिक दूरी के नियमों को पूरी तरह पालन होना आवश्‍यक है, लेकिन साथ ही उसी समय सरकार की यह जिम्‍मेदारी भी है कि वह लोगों की आवाजाही पर लगे कड़े प्रतिबंधों को देखते हुए दिव्‍यांगजनों तक आवश्‍यक सहायता सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराए। पत्र में अनुरोध किया गया है कि दिव्‍यांगजनों की देखरेख करने वालों/सहायकों को प्राथमिकता के आधार पर पास जारी करने के लिए राज्‍यों ,संघ शासित प्रदेशों में कानून प्रवर्तन अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए जाएं। यदि जरूरत पड़े तो त्‍वरित सत्‍यापन के लिए  दिव्‍यांगजनों से संबंधित जिला अधिकारियों की सहायता ली जा सकती है।स्‍थानीय पुलिस को भी अपने इलाकों में बिना देरी किए दिव्‍यांगजनों का अनुरोध प्राप्‍त करने के संबंध में व्‍यापक प्रचार करने का परामर्श दिया जा सकता है।

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भरत पांडेय