अभिनंदन के फैन थे दिल्ली हिंसा में शहीद हुए रतनलाल, वैसी ही रखी थीं मूंछें

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उत्तर पूर्वी दिल्‍ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा में हेड कॉन्‍स्‍टेबल रतन लाल की जान चली गई. उनकी मौत की खबर जब घर वालों को लगी तो मातम पसर गया. वहीं, दिल्ली पुलिस में भी रतन लाल के साथियों को उनका इस तरह से जाना बेहद दुखी कर रहा है. उनकी साथ काम करने वाले जवान बताते हैं कि रतन लाल को विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की तरह मूंछें रखने का शौक था वो अपनी मूंछों की वजह से दिल्ली पुलिस में काफी लोकप्रिय थे

यहां तक कि रतन लाल बच्चों को अभिनंदन की तरह बनने की सलाह देते थे.अब इस महज संयोग कहें या कुछ और आज से ठीक एक साल पहले ‘शहीद’ रतन लाल ने पिछले वर्ष 27 फरवरी को विंग कमांडर अभिनंदन द्वारा मिग-21 से पाकिस्‍तान एयरफोर्स के एफ-16 जेट को ढेर करने के बाद रतन लाल ने बिल्‍कुल अभिनंदन की तरह की मूंछे रख ली थी. अब ठीक एक साल बाद 42 साल के रतन लाल, दिल्‍ली में उपद्रवियों का सामना करते हुए ‘शहीद’ हो गए हैं

रतन लाल के परिवार वालों ने बताया कि साल 1998 में रतन लाल दिल्‍ली पुलिस में भर्ती हुए थे. वो यहां हेड कॉन्‍स्‍टेबल के पद पर गोकुलपुरी में तैनात थे. गोकुलपुरी में पिछले कई वर्षों से चलाई गई छापेमारी की प्रक्रिया की वो अगुवाई कर चुके थे.मूलतः राजस्‍थान के सीकर के एक मध्‍यम वर्गीय परिवार से आने वाले रतन लाल का जन्‍म हुआ था. वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. दिल्‍ली में अपनी पत्‍नी और तीन बच्‍चों के साथ वो नॉर्थ दिल्‍ली के बुराड़ी में रहते थे