: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार को राजभवन में आस्था सेन्टर फाॅर जेरियाट्रिक मेडिसिन, पैलिएटिव केयर हास्पिटल, लखनऊ को बैंक आॅफ बड़ौदा द्वारा दान की गई ट्रामा एम्बुलेन्स को हरी झण्डी दिखाकर उद्घाटन किया। यह एम्बुलेन्स कैंसर पीड़ितों और बुजुर्ग रोगियों के इलाज के लिए बैंक आॅफ बड़ौदा द्वारा काॅरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के अन्तर्गत दान की गई है। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव हेमन्त राव, रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया के क्षेत्रीय निदेशक अजय कुमार,बैंक आॅफ बड़ौदा के जनरल मैनेजर बीएस ढाका, आस्था ओल्ड ऐज सेन्टर एण्ड हास्पिस के प्रबन्ध निदेशक डाॅ केके शुक्ला, आस्था के संस्थापक डाॅ अभिषेक शुक्ला, संरक्षिका डाॅ शशि त्रिवेदी सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और बैंक आॅफ बड़ौदा ने समाज के लिए कुछ खर्च करने की भूमिका में एम्बुलेन्स दान के रूप में जो सहयोग किया है, वह प्रशंसनीय है। प्रसन्नता है कि सुबह-सुबह एक अच्छा काम करने को मिला। बैंक के इस नए दायित्व का परिचय समाज में होगा अन्य संस्थाएं भी सामाजिक सेवा के लिए आगे आयेंगी। एक श्लोक का मतलब बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि सौ में एक वीर होता है, हजार में एक विद्वान मिलता है, दस हजार व्यक्तियों में एक व्यक्ति कुशल वक्ता होता है पर दान देने वाला मिलेगा या नहीं मिलेगा कुछ निश्चित नहीं होता। एम्बुलेन्स के माध्यम से रोगियों की सेवा में आसानी होगी। रोगियों के लिए दान में दिए गए उपकरण का उचित प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि एम्बुलेन्स का दुरूपयोग न हो बल्कि जिस कार्य के लिए दान मिला है, उसी के लिए उपयोग हो।
राज्यपाल ने कैंसर एवं वृद्धावस्था के जटिल रोगों से ग्रसित मरीजों के लिए कार्य करने वाली संस्था आस्था की सराहना करते हुए कहा कि रोगी सेवा परम सेवा है। कैंसर के मरीज को जिन्दा रहने के लिए उम्मीद और उमंग की आवश्यकता होती है। समय पर इलाज, परिवार का सहयोग और मरीज में इच्छाशक्ति का निर्माण करने से मरीज को जल्दी लाभ होता है। आस्था संस्था से जुड़े लोग पूरे समर्पण भाव से इस पावन दायित्व को निभाएं। राज्यपाल ने उपस्थित लोगों के बीच अपने कैंसर पीड़ित होने के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी हिम्मत बढ़ाते हुए कहा था कि ‘आप जल्द ही ठीक होकर जरूर वापस आएंगे।’उन्होंने यह भी बताया कि बीमारी के समय उनके परिवार का सहयोग और शुभचिन्तकों की शुभकामनाओं ने उनकी इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाया।