कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तुलना ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ से की है और कहा कि आरएसएस भारत के हर संस्थान पर कब्जा करना चाहता है और देश के स्वरूप को ही बदलना चाहता है। राहुल के इस तुलना पर बीजेपी और संघ विचारकों ने जमकर निशाना साधा है और उन्हें संघ से जुड़ने की सलाह दी है। संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा मुस्लिम ब्रदरहुड से आरएसएस की तुलना घटिया और बेहुदा व्यवहार है।
उन्होंने कहा, ”वास्तव में वे जिहादी संगठनों को वैधानिकता और सम्मान देकर देश में हिंदुत्वादी लोगों के लिए आतंकी ख़तरा पैदा कर रहे हैं। घोर निंदनीय बयान के लिए कांग्रेस माफी मांगे।” सिन्हा ने कहा, ”राहुल गांधी जी से अनुरोध है प्रियंका गांधी जी को राष्ट्र सेविका समिति की शाखा में आने का आग्रह करे। उनका आरएसएस बोध कमज़ोर है। संघ समाज -परिवार व्यवस्था पर आधारित सांस्कृतिक सभ्यताइ आंदोलन है जो Idea of India को मूर्त्त रूप दे रहा।
By comparing @RSSorg with Muslim Brotherhood betraying battle against terrorism, giving respectability to jihadi organisation , it wud encourage its expansion in India . @INCIndia must apologise for its leader’ shimalayan blunder .
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) August 24, 2018
प्रोफेसर सिन्हा ने कहा, ”राहुल गांधी देश की आंतरिक राजनीति, नफ़ा नुक़सान, पसंद-नापसंद को विदेश में चौराहे पर बेच रहे हैं, दुनिया ताली बजा रही है। कांग्रेस का नैतिक पतन और नेतृत्व की गिरावट का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है? विदेश जाकर राहुल गांधी भाजपा पर लगातार हमले कर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर चल रही चर्चा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है। इसी कड़ी में उन्होंने आरएसएस की तुलना भी मुस्लिम ब्रदरहुड से कर दी है। लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों उत्तर प्रदेश में विपक्षी खेमा एकजुट होकर चुनाव लड़ा तो बीजेपी को 5 सीटें भी नहीं मिलेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का हाल के दिनों में जिस तरह से हिंदू मंदिरों में आना-जाना बढ़ा है, उसी तरह से उनका लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना भी बढ़ा है।
राहुल ने आगे कहा – “जैसे ही एक बार चुनाव पूरा हो जाता है, उसके बाद अगले प्रधानमंत्री के बारे में चर्चा होगी। लेकिन, उस पर तब तक बात नहीं होगी जब तक हम सत्ता से बीजेपी को नहीं हटा देते हैं।” अगले चुनाव में सीधा मुकाबल होगा जिसमें बीजेपी एक तरफ और दूसरी तरफ पूरा विपक्ष होगा। उन्होंने कहा- “इसका कारण यह है कि विपक्ष के सभी लोग और यहां तक कि बीजेपी के सहयोगी दल भी यह मानते हैं कि संस्थानों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। भारतीय संस्थानों पर व्यवस्थित ढंग से हमले किए जा रहे हैं।”
राहुल गांधी शुक्रवार को आरएसएस की तुलना सुन्नी इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की। उन्होंने कहा कि आरएसएस भारत के हर संस्थान पर कब्जा करना चाहता है और देश के स्वरूप को ही बदलना चाहता है। बताते चलें कि मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र का सबसे पुराना और सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है जिसकी स्थापना 1928 में हसन अल-बन्ना ने की थी। मुस्लिम ब्रदरहुड का एक मुख्य मकसद है कि देश का शासन इस्लामी कानून यानी शरिया के आधार पर चलाना है। अरब देशों में सक्रिय इस संगठन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगता रहा है। मिस्र में इस संगठन फिलहाल अवैध करार दिया जा चुका है।
राहुल गांधी लगातार यह संदेश देना चाह रहे हैं कि आरएसएस देश को अपने अधिनायकवादी विचारों से संचालित करना चाहता है। इसलिए उन्होंने लंदन में कहा, “हम एक संगठन से संघर्ष कर रहे हैं जिसका नाम आरएसएस है जो भारत के मूल स्वरूप (नेचर ऑफ इंडिया) को बदलना चाहता है। भारत में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है जो देश के संस्थानों पर कब्जा जमाना चाहता हो। राहुल गांधी के चार दिवसीय यूरोप दौरे का आज आखिरी दिन है। इस दौरान माना जा रहा है कि वो इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में सरकारी मंत्रियों और अन्य बड़े राजनेताओं से मिल सकते हैं और भारतीय समुदाय के लोगों की एक सभा को भी संबोधित कर सकते हैं। फिलहाल वो ब्रिटेन में ही हैं और आज वहां उनका दूसरा दिन है।
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