
उत्तराखंड विधानसभा के इतिहास में एक बार फिर खास क्षण दर्ज होने जा रहा है। राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन नवंबर को सदन को संबोधित करेंगी। विधानसभा के इतिहास में यह दूसरा मौका होगा जब किसी विशेष सत्र में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। इससे पहले मई 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. प्रणव मुखर्जी ने विशेष सत्र को संबोधित किया था।
तीन और चार नवंबर को प्रस्तावित इस विशेष सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय व्यापक तैयारियों में जुट गया है। राष्ट्रपति मुर्मू तीन दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर रहेंगी। दो नवंबर को हरिद्वार में कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह तीन नवंबर की सुबह देहरादून पहुंचेंगी और विधानसभा में विशेष सत्र को संबोधित करेंगी। अभिभाषण के बाद उनका कार्यक्रम नैनीताल के लिए है।
रजत जयंती वर्ष का यह सत्र उत्तराखंड की विकास यात्रा का साक्षी बनने के साथ-साथ भविष्य की दिशा तय करने का महत्वपूर्ण मंच होगा। सदन में पक्ष और विपक्ष राज्य की उपलब्धियों, चुनौतियों और आगे की विकास योजना पर चर्चा करेंगे। यह भी तय किया गया है कि इस विशेष सत्र में किसी विधायी कार्यवाही को शामिल नहीं किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि विशेष सत्र को ऐतिहासिक और यादगार बनाने के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रदेश के लिए गर्व का विषय है और यह अवसर राज्य की प्रगति को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।













