मेहुल चोकसी को भारत लाने की तैयारी तेज, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक संयुक्त टीम जल्द ही बेल्जियम जाएगी,

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पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक संयुक्त टीम जल्द ही बेल्जियम जाएगी, जहां वह चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए वहां की सरकार से समन्वय करेगी।

सूत्रों के मुताबिक, CBI और ED की दो से तीन अधिकारियों वाली एक टीम बेल्जियम में दस्तावेज तैयार करने और कानूनी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने के लिए भेजी जाएगी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद से दोनों एजेंसियों के बीच कई दौर की उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें प्रत्यर्पण से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है।

हालांकि चोकसी के भारत प्रत्यर्पण की राह इतनी आसान नहीं होगी। उसके वकील विजय अग्रवाल ने पुष्टि की है कि गिरफ्तारी के खिलाफ अपील दाखिल की जा रही है। उन्होंने कहा कि मेडिकल आधार पर चोकसी की ओर से जमानत की मांग की जाएगी, क्योंकि वह कैंसर का इलाज करवा रहे हैं और इस स्थिति में वह कहीं भाग भी नहीं सकते।

वकील ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी प्रत्येक देश की न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन कानूनी लड़ाई अभी बाकी है। गौरतलब है कि चोकसी एंटीगुआ की नागरिकता ले चुका है और वह इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस को भी पहले ही खारिज करवा चुका है। चोकसी ने भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसे एंटीगुआ से अगवा करने की कोशिश की थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लगभग 6 महीने पहले ही बेल्जियम सरकार को चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा था। अब जब चोकसी की गिरफ्तारी की पुष्टि हो चुकी है, तो भारत सरकार की ओर से सक्रिय प्रयास शुरू हो गए हैं।

CBI और ED की टीम अपने कानूनी सलाहकारों के साथ बेल्जियम जाकर केस से जुड़े सभी दस्तावेजों को संकलित और प्रस्तुत करेगी। यह टीम वहां की सरकार और न्यायिक अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय बनाए रखेगी।

हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। हालांकि चोकसी की कानूनी चुनौती और विदेशी नागरिकता के चलते प्रक्रिया में जटिलताएं जरूर हैं, लेकिन भारत सरकार का रुख स्पष्ट है—भगोड़ों को हर हाल में न्याय के कटघरे तक लाया जाएगा।