मोदी सरकार का देश के अन्नदाताओं को तोहफा, पूरे साल नहीं बढ़ेंगें फर्टिलाइजर के दाम
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने फॉस्फेटिक और पोटासिक उर्वरकों की बढ़ी हुई कीमतों को 1 अक्टूबर से 31 मार्च 2022 तक पूरे वर्ष 2021-22 के लिए लागू करने की मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार ने डायमोनियम फॉस्फेट (Diammonium phosphate) की बढ़ी हुई अंतरराष्ट्रीय कीमतों को समाहित कर लिया है। केंद्र सरकार ने एक विशेष एकमुश्त पैकेज के रूप में प्रति बैग डीएपी की सब्सिडी को 438 रुपए बढ़ाने का फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने एक विशेष एकमुश्त पैकेज के रूप में सब्सिडी को 100 रुपए प्रति बैग बढ़ाकर सबसे अधिक खपत वाले तीन एनपीके ग्रेडों (10:26:26, 20:20:0:13 और 12:32:16) के उत्पादन के लिए कच्चे माल की बढ़ी हुई अंतरराष्ट्रीय कीमतों को समाहित कर लिया है, ताकि किसानों को इन एनपीके ग्रेडोंवाले ये उर्वरक (Fertiliser) सस्ती कीमत पर मिल सकें।
केंद्र सरकार ने चीनी मिलों द्वारा एक सह-उत्पाद के रूप में शीरा से प्राप्त पोटाश (PDM) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना में पहली बार शामिल किया है, जो 2010 में शुरू की गई थी। इस उर्वरक को पीडीएम-0:0:14.5:0 के नाम से जाना जाता है।
इस कदम से 42 एलएमटी से अधिक खनिज आधारित पोटाश यानी एमओपी के 100 प्रतिशत आयात पर भारत की निर्भरता कम होने की उम्मीद है, जिसकी लागत लगभग 7,160 करोड़ रुपए सालाना है। इस निर्णय से न केवल गन्ना उत्पादकों और चीनी मिलों की आय में सुधार होगा, बल्कि उर्वरक कंपनियों द्वारा किसानों को 600-800 रुपये की दर से बेचे जा रहे 50 किलोग्राम के एक बैग पर 73 रुपए की सब्सिडी भी उपलब्ध हो सकेगी।