आगरा के सिकंदरा थाने में पुलिस हिरासत में एक 32 वर्षीय युवक की मौत हो गई जिसके बाद पूरे थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ है। यह अभी तक का ऐसा पहला मामला है जिसमें थाने के सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ हो। थाने की पुलिस पर आरोप है कि उसने मृतक हेमंत कुमार को उसकी 55 वर्षीय मां के सामने यातनाएं देकर पीट-पीटकर मार डाला।
खबर के मुताबिक हत्या के इस मामले में अब तक एक इंस्पेक्टर और दो सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया जा चुका है। मृतक व्यक्ति राजू पर पड़ोसी के घर से 7 लाख के गहने चुराने के आरोप था। राजू की मां रीनू लता ने कहा, मेरा बेटा मानसिक रूप से कमजोर था और बतौर सहयोगी अंशुल के केमिकल दुकान पर काम करता था।
बुधवार को अंशुल ने मेरे बेटे पर घर से गहने चुराने का आरोप लगाया और उसे लेकर थाने चला गया। इसके बाद पुलिस ने मेरे ही सामने उसपर कई लाठियां बरसाईं। मैं वहीं खड़ी गिड़गिड़ा रही थी।
रीनू के पति ओम प्रकाश गुप्ता एसबीआई में बैंक मैनेजर थे। साल 2001 में उनकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से मां और बेटा दोनों किराए के मकान में रहते थे। वहीं उनकी दोनों बेटियां वृंदावन और दिल्ली में रहती हैं।
रीनू ने कहा, ‘पुलिसवालों ने मेरे सामने मेरे बेटे को मार दिया। गुरुवार सुबह, वह मुझे भी पुलिस थाने ले गए और मेरे सामने मेरे बेटे को यातनाएं दी। बाद में साम 6 बजे उन्होंने मुझे घर वापस भेज दिया, लेकिन बेटे को वहीं लॉकअप में बंद रखा। रात के 9 बजे मुझे खबर दी गई कि मेरा बेटा जिंदा नहीं रहा।’
जब राजू का पोस्टमार्टम कराया गया तो रिपोर्ट में राजू की मौत का कारण हाअटैक कंधे, बांह और पैरों पर लगी चोट बताई गई है। इसको लेकर स्थानी एसपी अमित पाठक ने कहा, ‘तत्काल प्रभाव से आरोपी इंस्पेक्टर ऋषिपाल, एसआई अनुज सिरो और तेजवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है और एफआईआर दर्ज कर ली गई है।’